नई दिल्ली : केंद्र सरकार को-विन प्लेटफॉर्म पर भारत के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम व अन्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों को भी जोड़ने पर विचार कर रही है. सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) के तहत टीकाकरण रिकॉर्ड फिलहाल भौतिक रूप से संजोकर रखा जाता है. को-विन प्लेटफॉर्म के प्रमुख और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ डॉ. आरएस शर्मा ने बताया कि यूआईपी के को-विन प्लेटफॉर्म से जुड़ने पर पूरी टीकाकरण प्रणाली डिजिटल हो जाएगी, जिससे लाभार्थियों का पता लगाना आसान हो जाएगा और वास्तविक समय में निगरानी भी की जा सकेगी.
सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम को को-विन प्लेटफॉर्म से जोड़ने पर विचार कर रही सरकार - Co Win platform
केंद्र सरकार को-विन प्लेटफॉर्म पर भारत के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम व अन्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों को भी जोड़ने पर विचार कर रही है. सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) के तहत टीकाकरण रिकॉर्ड फिलहाल भौतिक रूप से संजोकर रखा जाता है.
उन्होंने कहा कि इससे भौतिक रूप से रिकॉर्ड रखने की परेशानी दूर होगी. टीकाकरण कार्यक्रम के डिजिटल हो जाने के बाद लाभार्थियों को टीकाकरण स्थल पर ही प्रमाणपत्र मिल जाएंगे. वे इसे डाउनलोड भी कर सकते हैं. इन प्रमाणपत्रों को डिजी-लॉकर में सहेजा जा सकेगा. सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम दुनिया की सबसे बड़ी टीकाकरण परियोजनाओं में से एक है, जिसका उद्देश्य बच्चों व गर्भवती महिलाओं को निवारक बीमारियों से बचाना है. इसके तहत सरकार पोलियो, डिप्थीरिया, टिटनेस, खसरा और हेपेटाइटिस-बी जैसी 12 बीमारियों से बचाव के लिए मुफ्त में टीका लगाती है.
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एकीकृत टीकाकरण सूचना प्रणाली के महत्व पर जोर देते हुए एक अधिकारी ने कहा कि यह राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर टीकाकरण कार्यक्रमों के प्रभावी प्रबंधन में मदद करेगी. अधिकारी ने कहा कि चूंकि को-विन ने कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम में अपने महत्व को साबित कर दिया है, इसलिए यूआईपी को इस प्लेटफॉर्म के दायरे में लाने का निर्णय लिया गया है. इस पर कोविड टीकाककरण की जानकारी भी दर्ज होती रहेगी.'