अलवर :राजगढ़ में मंदिरों पर बुलडोजर चलाने का मामला पहले से विवादों में चल रहा है और अब कठूमर में गौशाला पर भी वन विभाग की ओर से (forest department action in alwar goshala) बुलडोजर चलाकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई है. इससे मामला और भी गरमा गया है. गौशाला को पूरा तोड़ दिया (Goshala demolished in Alwar) गया है जिससे सैकड़ों गोवंशों के सामने रहने का संकट हो गया है. गोवंशों को कहां ले जाना है इसके लिए विभाग और प्रशासन की ओर से कोई इंतजाम भी नहीं किए गए हैं.
कठूमर उपखंड में पिछले एक दशक से चल रही एक मात्र गौशाला को वन विभाग ने अतिक्रमण मानते हुए बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया है. वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हिन्दूवादी संगठनों में रोष व्याप्त है. इस मामले पर सियासत भी गरमाने लगी हैं. जबकि राज्य में सरकार गो सेस यानी (cow-tax) से करोड़ों रुपये कमाती है, इसके बावजूद गोवंश की रहने की व्यवस्था को लेकर कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं.
वन विभाग की ओर से कठूमर उपखंड मुख्यालय के मैथना गांव में स्थित एक मात्र हनुमान गौशाला को ध्वस्त कर दिया गया है. विभाग का कहना है कि अवैध कब्जा कर 40 बीघा जमीन में गौशाला बनाई गई था जिसे अब अतिक्रमण मुक्त कराया गया है. कठूमर में गौशाला को ध्वस्त किए जाने से करीब 400 गोवंशों के पास अब रहने का ठौर नहीं रह गया है. हाल ये है कि भूख-प्यास से व्याकुल हो गए हैं.