गुवाहाटी : भारतीय गोरखा परिसंघ (बीजीपी) ने गोरखाओं पर नागरिकता कानून के तहत अभियोजन नहीं चलाने एवं विदेशी न्यायाधिकरण में इस समुदाय के सदस्यों के विरूद्ध दर्ज सभी मामले वापस लेने के असम सरकार के फैसले का गुरूवार को स्वागत किया गया.
बीजेपी ने मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा को अपने मंत्रिपरिषद के साथ मिलकर यह फैसला करने पर धन्यवाद भी दिया. जिससे राज्य में गोरखाओं के सामने 1997 से खड़ी समस्या का समाधान हो जाएगा. बीजेपी सचिव नंदा किराति दिवान ने यहां एक बयान में कहा, मंत्रिमंडल का फैसला उन गोरखा लोगों के परिवारों के लिए बड़ी राहत के तौर पर आया है. जिन पर नागरिकता कानून के तहत मुकदमा चलाया गया. इससे इस समुदाय के ऊपर से अवैध प्रवासी या विदेशी का चस्पा भी हट जाएगा जो असल में असम के मूल बाशिंदे हैं और असली भारतीय नागरिक हैं.
बीजेपी के अनुसार राज्य में 1997 से कम से कम 22000 गोरखाओं को मतदाता सूची में डी वोटर (संदिग्ध मतदाता) चिह्नित कर दिया गया है और विदेशी न्यायाधिकरणों में नागरिकता से जुड़े करीब 2500 मामलों की सुनवाई चल रही है.