दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

शौक न प्रदर्शन, असलहों का सिर्फ दुकान और थानों में दर्शन, जमा करने के बाद निकालना भूले लोग - गोरखपुर में थानों में पड़े शस्त्र

गोरखपुर में शस्त्र दुकानदारों का बुरा हाल है. वहीं, लोगों में शस्त्रों का शौक दिखाई नहीं दे रहा है. क्योंकि लोग दुकानों और थाने से शस्त्र लेना ही भूल गए हैं या फिर लेना नहीं चाह रहे हैं. हजारों की संख्या में शस्त्र दुकानों और थानों में पड़े हैं. यहीं नहीं इस कारण दुकानदारों का धंधा भी चौपट हो रहा है. पढ़िए पूरी खबर.

गोरखपुर
गोरखपुर

By

Published : Aug 19, 2023, 4:54 PM IST

Updated : Aug 19, 2023, 5:06 PM IST

गोरखपुर में शस्त्र दुकानदारों का बुरा हाल

गोरखपुर:शस्त्र यानी की असलहा. इसकी श्रेणी में रिवाल्वर, पिस्टल, बंदूक, राइफल सब आते हैं. यह सब एक समय में लोगों की शानो-शौकत का हिस्सा थे. लेकिन, बदलते दौर में सार्वजनिक स्थल और खुशियों वाले स्थान पर भी इसके प्रयोग पर पाबंदी, इसकी उपयोगिता पर सवाल खड़ा कर रहा है. आत्म रक्षार्थ को लिए गए यह असलहे लोगों के लिए अब बेकार से लगते हैं. यही वजह है कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान जब यह असलहे थाने और शस्त्र की दुकानों पर लोगों के द्वारा जमा किए गए तो, इनको बाहर निकालने के लिए बहुतों में रुचि नहीं दिखाई दे रही है.

बात करें गोरखपुर की तो करीब 10 हजार ऐसे शस्त्र हैं, जो थानों में बरसों से कैद हैं. इसी प्रकार दुकानदारों के यहां भी हजारों की संख्या में असलहे पड़े हुए हैं. लोग इसका किराया चुकता करते हैं. कुछ किराया भी चुकाना भूल गए हैं. दुकानदारों के फोन का भी इन पर असर नहीं पड़ता. अब यह दुकानदारों के लिए बोझ साबित हो रहे हैं. नए दौर में लाइसेंस भी नहीं मिल रहा. ऐसे में दुकानदारों की पीड़ा पुराने के साथ नए असलहों को भी लेकर है, जिनकी बिक्री नहीं होने से उनका व्यापार चौपट हो रहा है. आंकड़े कुछ ऐसी ही गवाही दे रहे हैं.

गोरखपुर में लोगों के शस्त्र लाइसेंस

गोरखपुर में शस्त्र की 20 दुकानें

गोरखपुर में शस्त्र की करीब 20 दुकानें हैं. यहां पर बंदूक या कोई भी शस्त्र जमा करने का प्रतिमाह शुल्क 200 रुपये निर्धारित है. लेकिन, जिन्होंने अपने शस्त्र जमा किए हैं, वह फिर भी यहां से निकालते नहीं और किराया भी उनका बढ़ता जाता है. शस्त्र विक्रेता ईस्टर्न एंपोरियम के प्रोपराइटर मोहम्मद तारिक का कहना है कि तमाम जमाकर्ता शस्त्र ले नहीं जा रहे. कुछ ऐसे हैं, जो कोई न कोई प्रभाव लेकर आते हैं तो बिना शुल्क के भी उनको जमा शस्त्र देना पड़ता है. कुछ असलहे सालों से दुकानों में और थानों में पड़े हैं. जिन्हें अब इसकी उपयोगिता किसी भी कारण से नहीं लगती, उन्हें इसे सरेंडर कर देना चाहिए. इसके लिए जिलाधिकारी को सिर्फ एक आवेदन देना ही पर्याप्त है. इतने से भी दुकानदारों को राहत मिल जाएगी. क्योंकि, जब भी दुकान का ऑडिट होता है तो इन शस्त्रों के कागजात और शस्त्र सभी कुछ संभालकर रखना पड़ता है.

गोरखपुर में दुकानों में रखे शस्त्र

थानों में करीब 10 हजार शस्त्र जमा

करीब 10 हजार शस्त्र थानों में भी जमा हैं. लोग ऐसे सुरक्षित स्थानों पर शस्त्र रखकर चैन की नींद सो रहे हैं. दुकानदार कहते हैं कि असलहा के जमा करने के साथ-साथ इनके रख-रखाव और मरम्मत की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है. इस पर खर्च भी आता है. फिर भी जमाकर्ताओं को कोई फर्क नहीं पड़ रहा. मोहम्मद तारिक ने कहा कि कुछ ऐसे शस्त्र जमा हैं, जिनके मूल्य से ज्यादा, उनके जमा करने का किराया हो गया है. ऐसे लोग अपना शस्त्र ले जाना छोड़ दिए हैं. कुछ असलहे 10-10 वर्षों से जमा हैं और उनका नवीनीकरण भी नहीं हो रहा.

प्रयास किया जाएगा कि लोग अपने शस्त्र ले जाएं: एसएसपी

ईटीवी भारत ने इस खबर की पड़ताल के साथ विक्रेताओं, जमाकर्ताओं में कइयों से बात करने का प्रयास किया. लेकिन, सिर्फ और सिर्फ मोहम्मद तारिक को छोड़ कोई बोलने को तैयार नहीं हुआ. लेकिन, तथ्यों से सभी ने अवगत कराया और अपनी पीड़ा भी जाहिर की. कैमरे पर वह बोलने को तैयार नहीं हुए. वहीं, इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. गौरव ग्रोवर से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि मरम्मत और रख-रखाव के साथ सभी शस्त्रों की जो रिपोर्ट है, उसके आधार पर प्रयास किया जाएगा कि लोग अपने शस्त्र यहां से ले जाएं.

कोविड में कई लाइसेंसधारियों की हो गई मौत

दुकानदारों ने बताया कि कोविड 19 के दौरान कई लाइसेंसधारियों की मौत हो गई. उनके शस्त्र भी दुकान में जमा हैं. परिजन न तो लाइसेंस ट्रांसफर करा रहे हैं और न ही सरेंडर कर रहे हैं. इस हाल में दुकानदार को सुरक्षा करना शस्त्र की मजबूरी बनी है. राजेश गन हाउस के प्रोपराइटर कहते हैं कि अब यह दुकानदारी सिर्फ दिखावे की रह गई है. गोरखपुर में तो एक भी शस्त्र लाइसेंस बन ही नहीं रहा. ऐसे में नए शस्त्रों की बिक्री भी शून्य हैं. जो शस्त्र उनके दुकान में हैं, वह शोकेस की शोभा बढ़ा रहे हैं. उनकी पूंजी भी फंसी पड़ी है. राइफल समेत कई किस्म के असलहे की कीमत 100000 रुपये से लेकर चार से छह लाख रुपये तक है.

यह भी पढ़ें:बरेली में इंस्पेक्टर समेत 5 पुलिसकर्मियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की रिपोर्ट दर्ज

Last Updated : Aug 19, 2023, 5:06 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details