गोरखपुर : धार्मिक पुस्तकों की छपाई के विश्व प्रसिद्ध सबसे बड़े केंद्र गीता प्रेस के मुख्य ट्रस्टी बैजनाथ अग्रवाल का शनिवार सुबह गोरखपुर में निधन हो गया है. उन्होंने अपने निज निवास हरिओम नगर में अंतिम सांस ली. वे करीब 90 वर्ष के थे और सामान्य जीवन जी रहे थे. शनिवार सुबह अचानक निधन से परिवार के साथ गीता प्रेस ट्रस्ट से जुड़े हुए लोग स्तब्ध रह गए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैजनाथ अग्रवाल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. शोक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा है कि विगत 40 वर्षों से गीता प्रेस के ट्रस्टी के रूप में बैजनाथ जी का जीवन सामाजिक जागरूकता और मानव कल्याण के लिए समर्पित रहा. वे ईश्वर के अनन्य भक्त थे. बैजनाथ जी के निधन से समाज को अपूरणीय क्षति हुई है. मुख्यमंत्री ने शोकाकुल परिजनों से बातकर उन्हें ढांढस बंधाते हुए हुतात्मा की सद्गति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है. घर से शव लाकर पहले गीता प्रेस में अंतिम दर्शन के लिए लाया गया. जहां से काशी ले जाया गया.
बैजनाथ अग्रवाल के पुत्र दीन दयाल अग्रवाल ने बताया कि उनके पिता बैजनाथ अग्रवाल (ट्रस्टी- गीताप्रेस, गोरखपुर) का गोलोकवास शनिवार (28 अक्टूबर) को हो गया है. अंतिम यात्रा शनिवार को निज निवास, हरिओम नगर, गोरखपुर से प्रारम्भ होकर, श्रीधाम-काशी गंगा (वाराणसी) के लिए जाएगी. यहीं पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. गीता प्रेस के प्रबंधक लालमणि तिवारी ने बताया है कि वह वाराणसी के लिए प्रस्थान कर रहे हैं जहां अंतिम संस्कार की तैयारियां को पूर्ण किया जाएगा. उन्होंने बताया कि बैजनाथ अग्रवाल गीता प्रेस से 1950 में जुड़े थे. तब से निरंतर वह अपनी सेवा ट्रस्ट को दे रहे थे. इस अवस्था में भी वे प्रतिदिन गीता प्रेस आते थे. वे अपने पुत्र देवी दयाल अग्रवाल के मार्गदर्शक रहे थे. पिता और पुत्र साथ बैठकर नीति निर्धारण करते थे. उनका संसार से जाना निश्चित रूप से गीता प्रेस परिवार के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है.
बैजनाथ अग्रवाल अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं. जो गीता प्रेस के साथ इस संस्था से जुड़ी हुई अन्य गतिविधियों का संचालन करते हैं. चाहे वह गौशाला हो, आयुर्वेद के उत्पादन हो या फिर देश के अलावा नेपाल में गीता प्रेस केंद्र का संचालन हो. धर्मशाला और कपड़े का कारोबार सब उनके पुत्र ही संभालते हैं. गीता प्रेस में जब देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगमन हुआ था तो बैजनाथ अग्रवाल ने उन्हें गीता प्रेस की पुस्तक भेंट कर उनका अभिनंदन किया था. उनके पांच पुत्र हैं. दीनदयाल अग्रवाल, देवी दयाल अग्रवाल, माधव प्रसाद अग्रवाल, राधेश्याम अग्रवाल, हरी प्रसाद अग्रवाल, नवीन अग्रवाल हैं. इसके अलावा पांच सुपौत्र और तीन प्रपौत्र भी हैं. आपको बता दें की गीता प्रेस में कुल 11 ट्रस्टी हैं.
गीता प्रेस का सनातन संस्कृति से नाता