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रिफॉर्म में न होती देरी तो भारतीय प्रोडक्ट होता गूगल : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गूगल जैसे विश्व स्तरीय उत्पादों को बनाने के अवसर को खोने के लिए सुधार में देरी को जिम्मेदार ठहराया है. नीति आयोग की संचालन परिषद को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर आज से दस साल पहले रिफॉर्म होता तो शायद गूगल जैसे प्रोडक्ट भारत के बाहर नहीं बनते.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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Published : Feb 20, 2021, 5:07 PM IST

Updated : Feb 20, 2021, 5:49 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नीति आयोग की संचालन परिषद को संबोधित करते हुए कहा कि हमने काफी रिफॉर्म किया है. कुछ दिन पहले हमने एक बहुत महत्वपूर्ण निर्णय किया है. जियो स्पेशल डेटा से जुड़े नियमों को भी उदार बनाया है, जो अभी हमने किया है वो अगर आज से दस साल पहले हम कर पाते तो शायद ये गूगल वगैरह भारत के बाहर नहीं बनते, वो हमारे यहां बनते. हमारे लोगों का टेलेंट है लेकिन प्रोडक्ट हमारे नहीं हैं.

पीएम ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से आग्रह किया कि आज विश्व में हमें एक अवसर प्राप्त हुआ है. उस अवसर को जुटाने के लिए हमारी कोशिश रहनी चाहिए- ईज ऑफ डूइंग बिजनेस. भारत के नागरिकों के लिए हमारी कोशिश रहनी चाहिए- ईज ऑफ लिविंग. वैश्विक स्तर पर भारत को अवसर का लाभ उठाने के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का महत्व है और उसके लिए हमारे कानूनों में सुधार करना होगा, व्यवस्थाओं में सुधार करना होगा.

आर्थिक प्रगति के लिए निजी क्षेत्र का सम्मान जरूरी
पीएम ने कहा कि निजी क्षेत्र को भी सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान में भाग लेने का पूरा मौका दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्यों को देश की प्रगति के लिए मिलकर काम करना होगा. आर्थिक प्रगति के लिए सरकार को निजी क्षेत्र का सम्मान करना होगा और उसे समुचित प्रतिनिधित्व भी देना होगा.

उन्होंने कहा कि इस बार के बजट का जिस तरह से स्वागत हुआ है, वह इस बात का संकेत है कि देश ​विकास की राह पर अधिक तेजी से आगे बढ़ना चाहता है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की पहलों से हर किसी को राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान करने का अवसर मिलेगा.

प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि तिलहन जैसे उत्पादों की पैदावार बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए, ताकि खाद्य तेल आदि के आयात पर निर्भरता कम हो. उन्होंने कहा कि किसानों को दिशा देकर ही इसे हासिल किया जा सकता है. उन्होंने क​हा कि खाद्य वस्तुओं के आयात खर्च होने वाला धन किसानों के खाते में तो जा ही सकता है.

सरकार की नीतियों से खाद्य आयात घटाने में मिलेगी मदद
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार की नीतियों से किसानों को उत्पादकता बढ़ाने और खाद्य आयात घटाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र को पूंजी और प्रौद्योगिकी प्रदान करने के लिए सुधार जरूरी हैं.

मोदी ने लोगों पर नियम कायदों के अनुपालन का बोझ कम करने की आवश्यकता भी जताई. प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में राज्यों से समितियां बना कर ऐसे नियम-कायदों को छांटने को कहा, जिनकी नई प्रौद्योगिकी के इस दौर में कोई उपादेयता नहीं रह गई है.

उन्होंने राज्यों को सलाह दी कि वे उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के जरिए अपने यहां निवेशकों को आकर्षित करें.

पीएम मोदी ने कहा कि सरकार मांग और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए बुनियादी ढ़ांचे के विकास पर खर्च कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि जन-धन बैंक खातों के खुलने, मुफ्त बिजली और गैस कनेक्शन तथा समुचित टीकाकरण से गरीबों के जीवन में बदलाव आया है.

स्टर्टअप इकाइयों को सशक्त बनाने पर बल
मोदी ने स्टर्टअप इकाइयों और सूक्षम, लघु तथा मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को सशक्त बनाने पर बल देते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत न केवल भारत को आत्मनिर्भर बनाना है, बल्कि शेष विश्व की आवश्यकताओं को भी पूरा करना है.

उन्होंने राज्यों से 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए समितियां बनाने का भी आग्रह किया.

नीति आयोग के शीर्ष निकाय संचालन परिषद में राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रशासित क्षेत्रों के उप-राज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं.

Last Updated : Feb 20, 2021, 5:49 PM IST

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