नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नीति आयोग की संचालन परिषद को संबोधित करते हुए कहा कि हमने काफी रिफॉर्म किया है. कुछ दिन पहले हमने एक बहुत महत्वपूर्ण निर्णय किया है. जियो स्पेशल डेटा से जुड़े नियमों को भी उदार बनाया है, जो अभी हमने किया है वो अगर आज से दस साल पहले हम कर पाते तो शायद ये गूगल वगैरह भारत के बाहर नहीं बनते, वो हमारे यहां बनते. हमारे लोगों का टेलेंट है लेकिन प्रोडक्ट हमारे नहीं हैं.
पीएम ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से आग्रह किया कि आज विश्व में हमें एक अवसर प्राप्त हुआ है. उस अवसर को जुटाने के लिए हमारी कोशिश रहनी चाहिए- ईज ऑफ डूइंग बिजनेस. भारत के नागरिकों के लिए हमारी कोशिश रहनी चाहिए- ईज ऑफ लिविंग. वैश्विक स्तर पर भारत को अवसर का लाभ उठाने के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का महत्व है और उसके लिए हमारे कानूनों में सुधार करना होगा, व्यवस्थाओं में सुधार करना होगा.
आर्थिक प्रगति के लिए निजी क्षेत्र का सम्मान जरूरी
पीएम ने कहा कि निजी क्षेत्र को भी सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान में भाग लेने का पूरा मौका दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्यों को देश की प्रगति के लिए मिलकर काम करना होगा. आर्थिक प्रगति के लिए सरकार को निजी क्षेत्र का सम्मान करना होगा और उसे समुचित प्रतिनिधित्व भी देना होगा.
उन्होंने कहा कि इस बार के बजट का जिस तरह से स्वागत हुआ है, वह इस बात का संकेत है कि देश विकास की राह पर अधिक तेजी से आगे बढ़ना चाहता है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की पहलों से हर किसी को राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान करने का अवसर मिलेगा.
प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि तिलहन जैसे उत्पादों की पैदावार बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए, ताकि खाद्य तेल आदि के आयात पर निर्भरता कम हो. उन्होंने कहा कि किसानों को दिशा देकर ही इसे हासिल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि खाद्य वस्तुओं के आयात खर्च होने वाला धन किसानों के खाते में तो जा ही सकता है.
सरकार की नीतियों से खाद्य आयात घटाने में मिलेगी मदद
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार की नीतियों से किसानों को उत्पादकता बढ़ाने और खाद्य आयात घटाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र को पूंजी और प्रौद्योगिकी प्रदान करने के लिए सुधार जरूरी हैं.