सागर।मध्य प्रदेश के सातवें टाइगर रिजर्व के रूप में नौरादेही टाइगर रिजर्व जहां अपने लगातार बढ़ते बाघों के कुनबे के कारण पूरे प्रदेश और देश में मशहूर हो रहा है, तो ठंड के मौसम में टाइगर रिजर्व के जलस्त्रोतों के आसपास प्रवासी पक्षियों का जमकर जमावड़ा लगा है. यहां के छेवला तालाब और जमरासीखेड़ा तालाब पर भी प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा लगा है. टाइगर रिजर्व के अंदर की दोनों नदियां बमनेर और ब्यारमा पर भी काफी संख्या में प्रवासी पक्षी पहुंचे है.
खास बात ये है कि इस बार पिछले सालों की अपेक्षा प्रवासी पक्षियों की संख्या काफी ज्यादा है. इसके पीछे कारण माना जा रहा है कि टाइगर रिजर्व बनने के बाद इस इलाके में कई तरह के प्रतिबंध लागू होने से नौरादेही में इंसानी दखल कम हुआ है और इन प्रवासी पक्षियों को अनुकूल मौसम और बेहतर माहौल आकर्षित कर रहा है. इस बार बड़ी संख्या में यहां हिमालयन गिद्ध आए हैं, जो इतने बडे़ पैमाने पर पिछले सालों में नहीं आते थे.
यूरोप और दक्षिण अफ्रीका के प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा:जहां तक नौरादेही टाइगर रिजर्व में प्रवासी पक्षियों की आमद की बात करें, तो यहां ये प्रवासी पक्षी 3 हजार किलोमीटर तक का सफर करके पहुंचते हैं. टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर डाॅ ए ए अंसारी बताते हैं कि 'नौरादेही के विशाल क्षेत्रफल और यहां मौजूद जलाशय और नदियों के कारण सर्दी के मौसम में प्रवासी पक्षियों की आमद कई सालों से हो रही है. ये मेहमान पक्षी देश के उन इलाकों से तो आते हीं है, जहां काफी ज्यादा ठंड और बर्फबारी होती है. इसके अलावा यूरोप और दक्षिण अफ्रीका के पक्षी तो 3 हजार किमी सफर तय करके नौरादेही पहुंचते हैं.
दरअसल जिन इलाकों में बर्फबारी ज्यादा होती है, वहां के पक्षी ऐसे ठिकाने की तलाश में रहते हैं. जहां उन्हें अनुकूल वातावरण मिले. सुरक्षित ठिकाने के अलावा भरपूर भोजन की उपलब्धता के कारण नौरादेही इनका पसंदीदा ठिकाना बनता जा रहा है. फिलहाल हिमालय के अलावा, यूरोप और दक्षिण अफ्रीका में बर्फबारी का सीजन है, तो वहां के पक्षी यहां आ चुके हैं. फरवरी तक आपको ये दिखाई देगें और यही समय इनका प्रजनन काल होता है. इसके बाद ये अपने बढ़े हुए कुनबे के साथ वापस हो जाएंगे.
नौरादेही में इन जगहों पर बनाया ठिकाना: जहां तक इन प्रवासी पक्षियों की बात करें, तो नौरादेही का मौसम इनको रास आने की कई वजहे है. दरअसल यह विशाल क्षेत्रफल का संरक्षित वन है. यहां पर वन्यजीवों के लिए छेवला तालाब और जमरासीखेडा तालाब इनका पसंदीदा ठिकाना है. इन दोनों तालाबों के किनारे के विशाल वृक्षों पर ये ठिकाना बनाते हैं. यहां ठंड के मौसम में सैकड़ों की संख्या में प्रवासी पक्षी मिलते हैं. इसके अलावा टाइगर रिजर्व की दो बड़ी नदियां बमनेर और ब्यारमा भी इनका पसंदीदा ठिकाना है. इन नदियों के किनारे सर्दी के मौसम में प्रवासी पक्षी धूप सेकते हुए नजर आते हैं. खासकर नौरादेही को टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलने के बाद यहां कई तरह के प्रतिबंध लागू होने के बाद यहां के वातावरण में सुधार हुआ और इंसानी हस्तक्षेप कम हुआ है. इसलिए इस बार काफी संख्या में प्रवासी पक्षी आए हैं.