उदयपुर.कहते हैं कुछ कर गुजरने की हौसले अगर बुलंद हो तो सफर कामयाबी में तब्दील हो जाता है. ऐसा ही कुछ उदयपुर के सूक्ष्म कलाकार इकबाल सक्का ने कर दिखाया है. जिसने अपनी कला के जरिए विश्व में भारत का डंका बजाया है. स्वर्ण शिल्पकार इकबाल ने अब तक 100 वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का कीर्तिमान अपने नाम किया है. वहीं, अब इकबाल ने एक बार फिर एक नायाब चीज बनाई है, जिसका वास्ता हर हिंदुस्तानी से है. पिछले 45 सालों से सूक्ष्म स्वर्ण शिल्पकारी से जुड़े इकबाल की एक आंख की रोशनी भी चली गई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. वह लगातार एक से बढ़कर एक नायाब चीज बनाकर अपना लोहा मनवा रहे हैं.
अब बनाया रेत के कण से भी छोटा तिरंगा झंडा :स्वर्ण से सूक्ष्म वस्तु बनाने वाले डॉ. इकबाल सक्का ने एक और स्वर्ण कृति का निर्माण किया है. आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में सक्का ने रेत के कण से भी छोटा तिरंगा झंड़ा बनाया है. सक्का ने बताया कि देश आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मना रहा है. ऐसे में अनोखा तिरंगा बनाने का आइडिया आया. यह इतना सूक्ष्म है कि इसका वजन भी दर्ज नहीं हो रहा है. इस तिरंगे को लेंस की मदद से ही देखा जा सकता है.
उन्होंने इसे राष्ट्रीय संग्रहालय में रखने की मांग की है. इसको लेकर उन्होंने राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा है. उन्हें इसे बनाने में करीब 18 घंटे का समय लगा और इसका वजन 00 पॉइंट 0 है. इकबाल सक्का ने सोने का झंडा रेत के कण से भी छोटा बनाया है. जिसे लेंस की मदद से देखा जा सकता है. उनका दावा है कि ऐसा बनाकर उन्होंने कनाडा के साथ-साथ कई राष्ट्रों के विश्व रिकॉर्ड को तोड़ा है. यह करिश्माई तिरंगा 12 नंबर की सुई की छेद से आसानी से आर पार हो जाता है.
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पिछले 45 सालों में 100 से वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाएं :इकबाल अब तक 100 वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज करा चुके हैं. वह इतनी सूक्ष्म कलाकृतियां बनाते हैं जिसे लेंस की मदद से देखना पड़ता है. इस अनोखी कलाकृति को बनाने में उनकी एक आंख की रोशनी भी चली गई. हालांकि अब ऑपरेशन के बाद उन्हें दिखाई देने लगा है. इकबाल अपने स्वर्ण की सूक्ष्म कलाकृतियों के कारण जाने जाते हैं. उन्होंने बेतहरीन सूक्ष्म कलाकृतियां तैयार की हैं, जिन्हें बनाने में उन्होंने दिन-रात एक कर दिए और वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. इकबाल बताते हैं कि बचपन में वे अखबार में स्वर्ण शिल्पकारी के बारे में पढ़ते थे. दुनिया के सबसे बेहतरीन स्वर्ण शिल्पकारी के रिकॉर्ड अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और चीन जैसे देशों के नाम थे. तभी से इकबाल चाहते थे कि इस क्षेत्र में भारत का नाम सबसे ऊंचा हो. इस काम की लगन लगी तो उन्होंने ऐसा हुनर दिखाया कि दुनिया उनकी कायल हो गई. अब वे सूक्ष्म स्वर्ण कलाकृतियां बनाने में विश्व रिकॉर्ड के शतक लगा चुके हैं.