तिरुवनंतपुरम :केरल के श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में लगभग 6 साल के बाद पारंपरिक सुनहरे पीले रंग के चंदना प्रसाद का वितरण शनिवार से फिर से शुरू हो गया. श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में चंदना प्रसाद का वितरण का लाभ सबसे पहले श्रीरामायण नाम के एक भक्त को मिला.
त्रावणकोर राजपरिवार के सदस्य भी मौजूद रहे
श्रीरामायण पद्मनाभ स्वामी मंदिर के पूर्वी नाडा में ओट्टकल (एकल पत्थर) मंडपम के सामने खड़े थे. जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक श्रीरामायण पारंपरिक स्वर्ण चंदना प्रसादम वितरण के पुनरुद्धार का काम करता था. इस मौके पर त्रावणकोर राजपरिवार के सदस्य, मंदिर सलाहकार समिति के सदस्य और कार्यकारी अधिकारी वी रथेशन भी उपस्थित थे.
6 साल पहले बंद कर दिया गया था यह प्रसाद वितरण
दर्शन करने आए श्रद्धालु उसी पुराने तरीके से दोबारा अपने माथे को स्वर्ण चंदन की खुशबू से सजा सकते हैं. बता दें, 6 साल पहले स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए इस सुनहरे-पीले रंग के चंदन प्रसादम का वितरण बंद कर दिया गया था. श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के कार्यकारी अधिकारी केएन सथेश के समय में चंदना प्रसादम से पीले रंग को हटा दिया गया था.
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काफी टेस्ट के बाद ही किया गया वितरण
बता दें, अनीझम तिरुनल मार्तंड वर्मा के समय से कई सदियों से चली आ रही इस परंपरा को शनिवार से फिर से शुरू किया गया है. देश की सर्वोच्च अदालत के निर्देश पर गठित हुई मंदिर की नई प्रशासन समिति ने यह पहला निर्णयों लिया है. खाद्य सुरक्षा विभाग सहित कई टेस्ट के बाद ही चंदना प्रसाद का वितरण फिर से शुरू किया गया है.