नई दिल्ली : आजादी के बाद पहली बार जम्मू कश्मीर के श्रीनगर को शेष भारत से जोड़ने वाले चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे सिंगल-आर्च रेलवे ब्रिज पर ओवरआर्क डेक का शनिवार को उद्घाटन किया गया, जिसे गोल्डन ज्वाइंट कहा जा रहा है. यह पुल एफिल टॉवर से भी ऊंचा है. इसकी लंबाई 1.315 किमी है. ये 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. रियासी जिले में चिनाब नदी पर निर्माणाधीन यह पुल सलाल-ए और दुग्गा रेलवे स्टेशनों को जोड़ता है. इसे राष्ट्रीय एकता के प्रतीक के रूप में भी देखा जा रहा है. यह पुल दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है और उधमपुर, श्रीनगर- बारामूला रेल लिंक परियोजना के हिस्से के रूप में उत्तर रेलवे द्वारा 28,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से इसका निर्माण किया गया है.
'चिनाब ब्रिज' नाम से यह रेलवे पुल चिनाब नदी के जलस्तर से 359 मीटर ऊंचा है और इसकी लंबाई 1315 मीटर है. उस समय का सबसे ऊंचा रेलवे पुल चीन के गुइझोउ प्रांत में बेपनजियांग नदी पर स्थित है. यह जल स्तर से 275 मीटर की ऊंचाई पर है. यह 111 किमी लंबे कटरा-बनिहाल रेलवे खंड को पूरा करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है. इसके लिए विशाल हिमालय की पहाड़ियों का खनन किया जा रहा है.
इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भारतीय रेलवे ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. इस रेल लिंक की तैयारी 2002 में शुरू हुई थी, लेकिन यह काम जुलाई 2017 में शुरू हुआ. उस समय के दौरान, इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य 2019 के अंत तक निर्धारित किया गया था, लेकिन 2018 में कॉन्ट्रैक्ट संबंधी दिक्कतों के चलते रुकावट आ गई और बाद में कोविड-19 महामारी के कारण भी काम ठप पड़ा रहा.