शिरडी (महाराष्ट्र) : साईं बाबा मंदिर शिरडी, sai baba temple shirdi, में एक भक्त के द्वारा सोने की बांसुरी दान में दी गई है. बता दें कि मंदिर में बाबा के भक्तों के द्वारा बहुमूल्य दान किया जाता रहा है. साईं बाबा शिरडी की एक मस्जिद में रहते खे और सभी धर्मों की समानता का उपदेश देने के साथ ही मस्जिद को द्वारकामाई कहते थे. इसी वजह से कई भक्त साईं बाबा को भगवान कृष्ण के रूप में देखते हैं. इसी क्रम में दिल्ली के ऋषभ लोहिया ने शिरडी के साईं बाबा को करीब 4 लाख 85 हजार 757 रुपये मूल्य की 100 ग्राम वजन की एक सोने की बांसुरी दान की है.
हालांकि दो साल तक कोविड महामारी की वजह से शिरडी में श्रद्धालु नहीं आ सके थे. इस वजह से यहां मंदिर में किया जाने वाला दान नहीं के बराबर हो गया था. लेकिन कोविड का दौर खत्म होने और उसको लेकर लगाए गए प्रतिबंध हटा लिए जाने के बाद एक बार फिर शिरडी में भक्तों की भीड़ पहुंच रही है. यही वजह है कि साईं भक्त सोना, चांदी, नकद और वस्तु के रूप में भारी मात्रा में दान कर रहे हैं.
हालांकि पिछले महीने ही हैदराबाद के एक भक्त ने अपनी पत्नी की अंतिम इच्छा के रूप में साईं मंदिर में 33 लाख का सोने का मुकुट भेंट किया था. साईबाबा को भक्तों द्वारा विभिन्न रूपों में देखा जाता है. शिरडी द्वारका के समान है और कई भक्त साईं को कृष्ण के अवतार के रूप में मानते हुए साईं दर्शन के लिए शिरडी में आते हैं. दिल्ली निवासी साईं भक्त ऋषभ लोहिया मंगलवार को अपने परिवार के साथ शिरडी आए और 100 ग्राम वजनी सोने की बांसुरी का दान किया.
इस अवसर पर ऋषभ लोहिया ने कहा कि साईं बाबा ने अपना जीवन शिरडी के द्वारकामाई में बिताया. साईं हमें भगवान कृष्ण के रूप में प्रतीत होते हैं, इसलिए हमने साईं को श्रीकृष्ण की पसंदीदा बांसुरी भेंट की है. करीब पांच लाख की लागत वाली इस बांसुरी को सुंदरता से उकेरा गया है और एक सिरे पर दो सोने की डोरियां (जंजीरें) जुड़ी हुई हैं. ऋषभ लोहिया ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी से कुछ दिन पहले यह अनमोल तोहफा दिया है. बता दें कि हर साल गोकुल अष्टमी पर साईं मंदिर में एक चांदी की मूर्ति को चांदी के पालने में रखकर भगवान कृष्ण के जन्म का जश्न मनाया जाता है.
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