नई दिल्ली: भारत सरकार ने वैश्विक भूख सूचकांक (Global Hunger Index 2022) की ताजा रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं और इसमें विसंगतियां होने का हवाला देते हुए इसे खारिज कर दिया है. बता दें, ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 में भारत 121 देशों में 107वें नंबर पर है. वहीं, पड़ोसी देश पाकिस्तान (99), बांग्लादेश (84), नेपाल (81) और श्रीलंका (64) भारत के मुकाबले कहीं अच्छी स्थिति में हैं. एशिया में केवल अफगानिस्तान ही भारत से पीछे है और वह 109वें स्थान पर है.
भारत सरकार की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स भूख का एक गलत माप है और यह गंभीर कार्यप्रणाली मुद्दों से ग्रस्त है. वैश्विक भूख सूचकांक रिपोर्ट न केवल जमीनी हकीकत से परे है बल्कि यह आबादी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने पर सरकार द्वारा किए गए प्रयासों को जानबूझकर नजरअंदाज करती है.
विपक्ष ने सरकार को घेरा
वहीं, भूख सूचकांक में भारत की स्थिति को लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं ने सरकार पर निशाना साधा है. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि सरकार को 8.5 वर्ष में भारत को अंधकार के इस युग में लाने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. उन्होंने ट्वीट किया, '2014 के बाद से वैश्विक भूख सूचकांक में भारत की खतरनाक, तेज गिरावट. मोदी सरकार भारत के लिए विनाशकारी है. 'बफर स्टॉक' से ऊपर बेहद कम खाद्य भंडार की वजह से महंगाई बढ़ रही है. 8.5 वर्ष में भारत को अंधकार के इस युग में लाने की जिम्मेदारी सरकार को लेनी चाहिए.'