देवघर: गोड्डा सासंद निशिकांत दुबे और देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री एक बार फिर आमने-सामने हैं (clash between manjunath bhajantri and nishikant dubey). इस बार दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ ट्विटर पर ही मोर्चा खोल दिया है. दरअसल पूरा मामला 31 अगस्त की शाम का है. जब दुमका में नाबालिग लड़की की पेट्रोल से लगाकर हत्या मामले में निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी और कपिल मिश्रा मृतक के परिजनों से मिलने पहुंचे थे. इसके लिए वे देवघर एयरपोर्ट पर चार्टर प्लेन से पहुंचे थे. देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री का आरोप है कि मनोज तिवारी समेत अन्य लोग बिना इजाजत ATC बिल्डिंग में दाखिल हुए.
ये भी पढ़ें:सांसद निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी समेत 9 लोगों पर केस दर्ज, जानिए क्या है मामला
देवघर के डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने गोड्डा सांसाद निशिकांत दुबे और अन्य नेताओं पर आरोप लगाया है कि उन्होंने रात होने के बाद चार्टर प्लेन के लिए जबरन उड़ान भरने की क्लियरेंस का आरोप लगाया है. इसे लेकर एयरपोर्ट के अधिकारी ने सांसद समेत 9 लोगों के खिलाफ देवघर के कुंडा थाने में दर्ज करवाई गई FIR में सांसद निशिकांत दुबे और उनके दोनो बेटे के अलावा सांसद मनोज तिवारी, पायलट और एयरपोर्ट के डायरेक्टर संदीप ढींगरा समेत 9 लोगों पर गैरकानूनी तरीके से ATC बिल्डिंग में दाखिल होने और चार्टर प्लेन के उड़ान भरने के लिए क्लियरेंस लेने का दवाब बनाने का आरोप लगाया गया गया है.
जैसे ही इसकी जानकारी निशिकांत दुबे को मिली उन्होंने भी मंजूनाथ भजंत्री के खिलाफ नई दिल्ली में केस दर्ज कराया है. इसके बाद देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री और गोड्डा सासंद निशिकांत दुबे सोशल मीडिया पर एक दूसरे से भिड़ गए. दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ ताबड़तोड़ ट्वीट किया. सांसद निशिकांत दुबे ने देवघर डीसी पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट किया, 'यह एक अपराधी का अंदाज है जो जबरदस्ती बिना अनुमित के सुरक्षा घेरा तोड़कर घुसता है. आप एयरपोर्ट के अंदर किस हैसियत से गए, आपको सीसीटीवी देखने की इजाजत किसने दी.'
इसके जबाव में उपायुक्त ने सांसद निशिकांत दुबे को संबोधित करते हुए लिखा कि वे एयरपोर्ट के टर्मिनल में इंट्री पास लेकर गए थे, साथ ही कहा कि उपायुक्त देवघर भी एयरपोर्ट के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर का एक सदस्य हैं. उसके बाद सांसद ने फिर लिखा कि उपायुक्त किसकी अनुमति से सीसीटीवी कमरे, एप्रॉन और एटीसी टावर में गए. उन्होंने नियम का उल्लंघन किया है. इसका जबाव देते हुए उपायुक्त ने लिखा कि वे एप्रॉन और एटीसी में नहीं घुसे थे, उनका कहना था कि इस मामले की जांच संबंधित अधिकारियों के जिम्मे छोड़ दिया जाना चाहिए.
इसके बाद फिर एक बार सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट किया और लिखा कि 'सीआइएसएफ या राज्य पुलिस सिर्फ सुरक्षा देने के लिए एयरपोर्ट पर होती है, ना कि सीसीटीवी फुटेज की जानकारी देने के लिए.' इसपर उपायुक्त ने सांसद के समझ कुछ सवाल रखे. उन्होंने पूछा कि किसकी अनुमति से सांसद एटीसी कमरे में गए? किसकी अनुमति से उनके दो बच्चे एटीसी कमरे में गए? किसकी अनुमति से उनके समर्थक वहां गए? इसका जवाब देते हुए सांसद ने लिखा कि उन्होंने एयरपोर्ट के अधिकारियों से इन बारे में आवश्यक अनुमति ली थी. इस मामले में निशिकांत दुबे ने सफाई देते हुए कहा है कि, वह सांसद होने के नाते देवघर एयरपोर्ट के चैयरमैन भी हैं और मनोज तिवारी एविएशन मंत्रालय में एडवाइजरी कमेटी के सदस्य हैं. इस नाते वह नाइट लैंडिंग को लेकर जानकारी हासिल करने के लिए एयरपोर्ट डायरेक्टर से बातचीत करने जा रहे थे. इसी बीच उनके बेटे उनकी चप्पल हाथ मे लेकर पीछे आ गए, ऐसे में उन्होंने किसी भी तरह किसी भी नियम का उलंघन नहीं किया है.
इसके बाद उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने एक बार फिर से सांसद निशिकांत दुबे की इस दलील पर सवालिया निशान खड़ा किया और तल्ख सवाल पूछे. उन्होंने ट्वीट कर पूछा जब नाइट लैंडिंग सुविधा/आईएफआर नहीं है, और हर दूसरे दिन इतनी उड़ानें रद्द हो रही हैं, तो आपका चार्टर्ड विमान 18 बजतक 17 मिनट पर कैसे उड़ गया जबकि सूर्यास्त का समय 18 बजबकर 03 मिनट था. इसके बाद सांसद ने ट्वीट करते हुए उपायुक्त को उड्डयन विभाग के नियमों को पढ़ने की सलाह दी और कहा कि एक आइएएस अधिकारी से बेहतर कार्य करने की अपेक्षा है. अब यह मामला हर स्तर पर जांच का विषय है, ऐसे में कृपया कर कुछ भी कमेंट करने से पहले नियम के बारे में पढ़ लें. अंत में उन्होंने लिखा सावधानी हटी, दुर्घटना घटी.
ये पहला मौका नहीं है जब देवघर डीसी मंजूनाथ और गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे एक दूसरे के आमने सामने हैं. इससे पहले 2021 में निशिकांत दुबे ने मधुपुर विधानसभा उपचुनाव के दौरान डीसी मंजूनाथ भजंत्री पर झामुमो के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया था. इसके बाद निशिकांत दुबे के खिलाफ देवघर के 5 अलग-अलग थानों में आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़े मामले दर्ज कराए गए थे. तब बीजेपी इसके खिलाफ चुनाव आयोग गई थी और चुनाव आयोग ने मंजूनाथ को देवघर डीसी के पद से हटा दिया था. उस वक्त मंजूनाथ भजंत्री को चुनाव आयोग से माफी भी मांगनी पड़ी थी.