कैंडोलिम (गोवा) :महाराष्ट्र और कर्नाटक में जबरदस्त रेंस्पांस मिलने के बाद ब्लेड इंडिया ने गोवा में हेलीकॉप्टर सेवा की शुरूआत की है. जिसका उद्घाटन गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने की है. इस अवसर पर गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने कहा कि ये सेवाएं गोवा के पर्यटन, चिकित्सा आपातकाल और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए आवश्यक हैं. पर्यटक और लोकल इस सेवा का उपयोग कर सकेंगे. हेली पर्यटन हमें गोवा के भीतरी इलाकों का पता लगाने में मदद करेगा जिसको पहले कभी देखा नहीं या जहां पहले गया नहीं. साथ ही आश्वासन दिया कि गोवा सरकार राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर पहल को सहर्ष सहायता प्रदान करेगी. गोवा में आने वाले यात्रियों के लिए गोवा हवाई अड्डे को उत्तर, दक्षिण गोवा और पुराने गोवा हवाई अड्डे से जोड़कर, महाराष्ट्र से निजी चार्टर सेवाओं और गोवा के भीतर कहीं भी उड़ानों के लिए सीट-दर-सीट हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू की गई हैं.
ब्लेड इंडिया का इरादा गोवा को पर्यटकों के लिए और भी अधिक सुलभ बनाना है. ताकि वे कम समय अधिक से अधिक यात्रा या पर्यटन का आनंद ले सकें. हालांकि मुख्यमंत्री सावंत ने यात्रियों और लोकल दोनों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी और पहुंच के लिए राज्य में हेली-पर्यटन सेवाओं को शुरू करने पर जोर दिया. महाराष्ट्र और कर्नाटक में जबरदस्त रेंस्पांस मिलने के बाद ब्लेड इंडिया ने गोवा में इसकी शुरूआत की है. भारत और दक्षिण एशिया के लिए एयरबस हेलीकॉप्टरों के प्रमुख सनी गुगलानी ने कहा, "भारत की असली सुंदरता भारत के अंदरूनी इलाकों में है. आज इन अंदरूनी हिस्सों तक पहुंचना मुश्किल है, इसलिए हमें हेलीकॉप्टरों की जरूरत है जो संभावित पर्यटकों को वास्तविक भारत से जोड़ सके और उनके लिए रोजगार के अवसर भी पैदा कर सके. गुलगलानी को कहना है कि जब पर्यटन की बात आती है तो हेलीकॉप्टर गोवा की वास्तविक क्षमता को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और पर्यटन के क्षेत्र में गोवा देश के बाकी हिस्सों का नेतृत्व कर सकता है.
नए मार्गों की शुरूआत पर ब्लेड इंडिया के एमडी अमित दत्ता कहते हैं, "हेली-पर्यटन सेवाओं का उद्देश्य शॉर्ट-हॉल एयर मोबिलिटी के माध्यम से स्थानों को अधिक सुलभ बनाना है. गोवा हवाई अड्डे और उत्तर-दक्षिण गोवा के बीच की दूरी ने ही हमेशा से दोनों को एक दूसरे दूर रखा है. यही गोवा के यात्री और स्थानीय लोगों की मुख्य पीडा भी है. इस सेवा का लक्ष्य दोनों स्थानों के बीच की दूरी को पाटना है. साथ ही स्थानीय समुदायों और व्यवसायों को जुड़े रहने में मदद करना है.