नई दिल्ली : यूनिसेफ इंडिया की प्रतिनिधि डॉ यासमीन अली हक़ ने कहा कि विश्व स्तर पर 7 बच्चों में से एक को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं और कोरोना के चलते इसमें वृद्धि हुई है. हमने देखा है कि समस्याएं होने के बावजूद बच्चे इसके बारे में बात करने में सहज नहीं होते हैं.
उन्होंने कहा कि हमें बच्चों, वयस्कों और युवाओं को उनकी चिंता, अवसाद और बुरे विचारों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है, ताकि हम उनकी मदद कर सकें. इस धब्बा (stigma) को दूर करना एक बहुत बड़ा मुद्दा है.