हैदराबाद : विश्व आर्थिक मंच के एक नए सर्वेक्षण में पाया गया है कि 28 देशों में औसतन चार में से तीन वयस्क इस बात से सहमत हैं कि यात्रियों को उनके देश में प्रवेश करने के लिए कोविड-19 वैक्सीन पासपोर्ट जरूरी होना चाहिए.
तीन में से दो लोगों का कहना है कि इन यात्रियों को बड़े सार्वजनिक स्थानों तक पहुंचने की अनुमति होनी चाहिए, जिस तरह वे अपने देश में यात्रा करते हैं. हालांकि, केवल आधे (55%) सहमत हैं कि उन्हें दुकानों, रेस्तरां और कार्यालयों तक पहुंच की अनुमति होनी चाहिए.
लोगों का मानना है कि वैक्सीन पासपोर्ट लिंग के हिसाब से नहीं, बल्कि वयस्कों और उच्च शिक्षा के हिसाब से दिया जाना चाहिए.
वैक्सीन पासपोर्ट के पक्ष में लोग
सर्वेक्षण के मुताबिक, 28 देशों में से प्रत्येक में औसतन 78 प्रतिशत लोग इस बात से सहमत हैं कि उनके देश में प्रवेश करने वाले यात्रियों के पास वैक्सीन पासपोर्ट होना आवश्यक है. मलेशिया में 92 प्रतिशत लोग वैक्सीन पासपोर्ट के पक्ष में हैं, जबकि हंगरी में 52 प्रतिशत लोगों ने इसका समर्थन किया है.
वैक्सीन पासपोर्ट की प्रभावशीलता
सर्वेक्षण में शामिल किए गए देशों के औसतन 73 प्रतिशत लोग इस बात से सहमत हैं कि वैक्सीन पासपोर्ट यात्रा और बड़ी घटनाओं को सुरक्षित बनाने में प्रभावी होंगे. चीन (84%), अर्जेंटीना (84%), पेरू (82%), मलेशिया (82%) और भारत (82%) में इसका रुझान सबसे अधिक दिखा, जबकि हंगरी (52%) और रूस (53%) में सबसे कम.
बड़े सार्वजनिक स्थलों तक पहुंच के लिए वैक्सीन पासपोर्ट
सर्वेक्षण के मुताबिक, औसतन 67 प्रतिशत इस बात से सहमत हैं कि सभी बड़े सार्वजनिक स्थलों तक पहुंच के लिए वैक्सीन पासपोर्ट जरूरी होना चाहिए. लगभग 10 में 4 लोग मजबूती से इससे सहमत हैं.