नई दिल्ली : एल्सटॉम, सीमेंस, हिताची, स्टैडलर रेल, वैबटेक और आर्को समेत वैश्विक कंपनियों ने गुजरात के दाहोद में 20,000 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश पर भारतीय रेलवे द्वारा एक नई लोकोमोटिव सुविधा विकसित करने में अपनी रुचि दिखाई है. अधिकारियों ने कहा कि कई विदेशी और स्थानीय कंपनियों ने 9,000 हॉर्स पावर (एचपी) के 1,200 इलेक्ट्रिक इंजनों के निर्माण और आपूर्ति के लिए बोली-पूर्व परामर्श में भाग लिया. घरेलू कंपनियों में राज्य द्वारा संचालित भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) और निजी खिलाड़ी जैसे मेधा समूह और सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस एनएसई 0.95% शामिल हैं.
दाहोद में मौजूदा रोलिंग स्टॉक वर्कशॉप में 2023-24 से 2033-34 तक 11 साल की अवधि में ट्रेनों की आपूर्ति की जानी है. भाप इंजनों के आवधिक ओवरहाल के लिए 1926 में कार्यशाला की स्थापना की गई थी. इसे बुनियादी ढांचे में सुधार के साथ इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव निर्माण इकाई में अपग्रेड किया जाएगा. प्रस्तावित सुविधा भारतीय रेलवे के लिए ब्रॉड गेज के लिए 1,200 एचपी इलेक्ट्रिक इंजन और निर्यात के लिए मानक गेज का निर्माण करेगी. इन ट्रेन इंजनों का उपयोग भारतीय रेलवे नेटवर्क में 4,500 टन भार ढोने के लिए किया जाएगा, जिसकी औसत गति एक लोकोमोटिव द्वारा 75 किमी प्रति घंटा होगी.