दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

भर्ती प्रक्रिया में वरीयता देने का मतलब नौकरी की गारंटी नहीं: अग्निपथ पर संवैधानिक विशेषज्ञ - अग्निपथ भर्ती प्रक्रिया वरीयता नौकरी गारंटी नहीं

अग्निपथ योजना के तहत सेना में चार साल बिताने के बाद नौकरी की गारंटी को लेकर सवाल उठ रहे हैं. इस योजना पर संविधान विशेषज्ञों ने अपनी राय दी है. उनका कहना है कि सेना में चार बिताने के बाद नौकरी की गारंटी नहीं है. कानूनी मामलों के जानकार एसपी सिंह से इस बारे में ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय ने खास बातचीत की है. जानें, उन्होंने बातचीत में क्या कुछ कहा.

Giving preference in recruitment precess does not mean job gurantee says Constitutional expert on Agnipath
भर्ती प्रक्रिया में वरीयता देने का मतलब नौकरी की गारंटी नहीं: अग्निपथ पर संवैधानिक विशेषज्ञ

By

Published : Jun 18, 2022, 8:04 AM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने दावा किया है कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की भर्ती प्रक्रिया में चार साल का अग्निपथ कोर्स पूरा करने वाले युवाओं को वरीयता मिलेगी. गृह मंत्रालय के इस दावे पर प्रसिद्ध संवैधानिक विशेषज्ञ एसपी सिंह ने कहा कि वरीयता देने का मतलब यह नहीं है 'नौकरी की गारंटी'.

ईटीवी भारत से विशेष रूप से बात करते हुए सिंह ने कहा कि युवाओं (अग्निवीरों) को निश्चित रूप से प्राथमिकता मिलेगी. जब वे चार साल का कोर्स पूरा करेंगे तब तक उन्हें उचित प्रशिक्षण और सभी कौशल प्राप्त हो जाएंगे. यह प्रशिक्षण उन्हें किसी भी क्षेत्र में भर्ती प्रक्रिया में मदद करेगा. एसपी सिंह सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील हैं.

हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार को अग्निपथ योजना को लेकर युवाओं को होने वाले लाभ और भविष्य की संभावना के बारे में बात करने वाले लोगों तक पहुंचना चाहिए था. सिंह ने दावा किया कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण किया गया है. सिंह ने कहा, 'कई संगठन और पार्टियां ऐसी स्थिति से लाभ लेने की कोशिश कर रही हैं. यह लगभग एनसीसी जैसे शॉर्ट टर्म कोर्स की तरह है जहां युवाओं को उनके भविष्य के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा.

सिंह ने कहा, 'सरकार के बयान के अनुसार, लगभग 25 प्रतिशत युवा जो अग्निपथ पाठ्यक्रम पूरा करेंगे, उन्हें सीएपीएफ में वरीयता मिलेगी और शेष को अन्य क्षेत्रों में समायोजित किया जाएगा.' कौशल प्रमाण पत्र प्राप्त करने के अलावा, अग्निवीरों को उनके भविष्य के लिए एकमुश्त आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी. युवा अपने चार साल के लंबे पाठ्यक्रम को पूरा करने के बाद निश्चित रूप से रोजगार पाने के लिए अपने कौशल का पता लगा सकते हैं.'

ये भी पढ़ें- अग्निपथ योजना : रक्षा विशेषज्ञ बोले, कहीं रूसी सेना जैसी हालत न हो जाए !

ईटीवी संवाददाता से बात करते हुए आईपीएस अधिकारी और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पूर्व महानिदेशक ने कहा कि सरकार को अग्निवीरों के भविष्य के बारे में बेहतर आश्वासन देना चाहिए था. सिंह ने कहा, 'सरकार को चार साल के लंबे पाठ्यक्रम को पूरा करने के बाद अग्निवीरों की संभावनाओं के बारे में बात करनी चाहिए थी क्योंकि लोगों की शंका को दूर करने के लिए उन तक पहुंचना जरूरी है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details