नई दिल्ली : स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बुधवार को कहा कि जंक फूड के पैकेट (packaged junk foods) पर सरकार को स्वास्थ्य संबंधी 'स्टार रेटिंग' के बदले 'चेतावनी का स्तर' (warning label) जारी करना चाहिए क्योंकि रेटिंग भ्रामक होती हैं और उपभोक्ताओं को फायदे से ज्यादा नुकसान ही पहुंचाती हैं. स्वास्थ्य 'स्टार रेटिंग' के तहत एक से पांच सितारों के पैमाने पर पैकेटबंद खाद्य पदार्थों को 'ग्रेड' प्रदान किया जाता है.
लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने राजस्थान के निमली में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि अगर सरकार मोटापे और गैर-संचारी रोगों की 'महामारी' को लेकर गंभीर है, तो उपभोक्ताओं को 'चेतावनी' लेबल के जरिए जंक फूड के बारे में सावधान करने की जरूरत है. वे राष्ट्रीय सतत खाद्य प्रणाली सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे जिसका आयोजन विज्ञान और पर्यावरण केंद्र (सीएसई) द्वारा किया गया था.
सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण ने कहा, 'शक्तिशाली खाद्य उद्योग द्वारा उपभोक्ताओं को गुमराह करने के लिए स्वास्थ्य स्टार रेटिंग को डिज़ाइन किया गया है. इन्हें आगे बढ़ाकर, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) जंक फूड के महिमामंडन का लाइसेंस देगा...' इस सम्मेलन में देश भर के करीब 50 विशेषज्ञ शामिल हुए जिनमें अमित खुराना, जॉर्ज वंदना प्रसाद, संजय पांडे आदि शामिल हैं.