मुंबई : शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने रविवार को कहा कि अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लाभों को प्रभावित किए बिना मराठा और धनगर समुदायों को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण दिया जाना चाहिए. दूसरी ओर, मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की ‘ब्राह्मण’ वाली टिप्पणी पर उनकी आलोचना की.
फडणवीस ने समाचार चैनल पर कहा था कि ब्राह्मण होने के कारण उन्हें आसानी से निशाना बनाया जा रहा और वह अपनी जाति बदलने के लिए कुछ नहीं कर सकते. मराठा समुदाय का एक वर्ग आरक्षण उद्देश्यों के लिए ओबीसी श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग कर रहा है, जबकि धनगर एसटी का दर्जा चाहते हैं. ठाकरे ने एक बयान में कहा कि भूख हड़ताल पर बैठे मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे के जीवन से खेलने के बजाय, एकनाथ शिंदे सरकार को इस समुदाय को आरक्षण देना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि सामाजिक ताना बाना प्रभावित न हो.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मन की बात कर रही है, जबकि उसके मन में कोई भावना है ही नहीं. ठाकरे ने आरोप लगाया, 'जरांगे की जिंदगी बचाने का उसका (सरकार का) कोई इरादा नहीं है.' उन्होंने कहा कि मराठा समुदाय के युवा आरक्षण की मांग को लेकर आत्महत्या कर रहे हैं. ठाकरे ने पूछा, 'क्या सरकार (इस) समुदाय के लोगों की मौत के बाद आरक्षण का आदेश देगी?' आरक्षण की मांग के समर्थन में पिछले कुछ महीनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में मराठा समुदाय के सदस्यों द्वारा आत्महत्या करने की कई खबरें आई हैं.