शाहजहांपुरःजनवरी में एक शिक्षिका का जेंडर चेंज करने का मामला सामने आया था. वह शिक्षिका काकोरी कांड के शहीद ठाकुर रोशन सिंह के रिश्ते की प्रपौत्री है. उसने अपना जेंडर ऑपरेशन से चेंज करा लिया था और वह सरिता सिंह से शरद सिंह बन गई थी. सरिता प्राथमिक विद्यालय शिक्षिका के पद पर तैनात है. सरिता सिंह अब शरद सिंह के नाम से जाना जाएगा. जेंडर बदलवाने के बाद इसका प्रमाण पत्र भी उनको मिल गया है. जिला अधिकारी शाहजहांपुर की ओर से मंगलवार को लिंग परिवर्तन का प्रमाण पत्र दिया गया. पहचान पत्र के मुताबिक सरिता सिंह का नाम अब शरद सिंह हो गया है. इससे उसकी शादी का रास्ता भी साफ हो गया है.
Gender Change: शाहजहांपुर की सरिता बन गई शरद, अब पीलीभीत की सविता से करेगी शादी - शाहजहांपुर में जेंडर चेंज
शाहजहांपुर में जनवरी में एक लड़की ने जेंडर चेंज कर लिया था. इसके बाद उसने सरकारी प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया था. उसे सरकार की ओर से प्रमाणपत्र दे दिया गया है. इससे उसकी शादी का रास्ता साफ हो गया है.
दरअसल खुदागंज थाना क्षेत्र के नवादा गांव की रहने वाली सरिता सिंह भावल खेड़ा ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय सातवां खुर्द में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात रहीं. इसके बाद उन्होंने अपना जेंडर चेंज करवाने का फैसला किया. उन्होंने 2020 में जेंडर बदलवाने के लिए अपनी कोशिश जारी रखी. इसके बाद लखनऊ में हार्मोन थेरेपी कराई. थेरेपी कराने के बाद उनकी दाढ़ी निकल आई और आवाज भी मर्दानी हो गई.
शरद सिंह का कहना है कि उनका ज्यादातर समय व्हीलचेयर और बेड पर गुजरता है, जिसमें उनकी हम साया बनकर रहने वाली सविता सिंह ने उनकी हर छोटी-बड़ी जरूरतों का पूरा ख्याल रखा और पढ़ाई लिखाई में भी उनका पूरा सहयोग किया. शरद सिंह ने फैसला किया है कि उनकी जिंदगी में हर पल उनके साथ उनकी मदद करने वाली सविता सिंह को अब वह अपना जीवनसाथी बनाएंगे, जिसके लिए सविता सिंह ने भी हामी भर दी है. अपना जेंडर चेंज करवाने के बाद शरद सिंह को अब उस दिन का इंतजार है जब वह सविता सिंह के साथ सात फेरे लेकर उन्हें अपनी दुल्हन बनाएंगे.
जिलाधिकारी उमेश प्रताप सिंह का कहना है कि शरद सिंह का लिंग परिवर्तन प्रमाण पत्र जिला प्रशासन के पास आया था, जिसे सम्मान के साथ शरद सिंह को सौंप दिया गया है. अब उन्हें अब शरद सिंह के नाम से पहचाना जाएगा. इसके साथ ही उनकी सर्विस बुक में भी उनका नाम सरिता सिंह की जगह शरद सिंह हो जाएगा.
सरिता उर्फ शरद का कहना है कि वह बचपन से ही पुरुष बनने का सपना देखती थीं, यह सपना अब साकार हुआ है. सरिता दोनों पैरों से दिव्यांग है. 2020 में बेसिक शिक्षा परिषद में सहायक अध्यापक के पद पर सरिता ने नौकरी पाई थी अब वह भावल खेड़ा ब्लॉक के एक विद्यालय में तैनात हैं. सरिता को शुरू से ही पुरुषों का हेयर स्टाइल और पहनावा पसंद था. नौकरी मिलने के बाद उन्होंने अपना जेंडर बदलवाने का इरादा पक्का किया और ऑपरेशन के बाद अब उनके चेहरे पर दाढ़ी मूंछ भी आ गई है. सरिता का कहना है कि उन्होंने यह निर्णय काफी मनन करने के बाद लिया है. इसके लिए उन्होंने लंबी काउंसलिंग का सहारा लिया. राजकीय मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग में काउंसलिंग के बाद लखनऊ में हार्मोनल थेरेपी के बाद अब उनके शरीर में परिवर्तन आ चुके हैं. इस प्रक्रिया के बाद अपनी सर्जरी 2021 में मध्यप्रदेश में उन्होंने करवाई थी. फिलहाल सरिता से शरद बनकर अब वो बेहद खुश हैं.
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