मुंगेली :जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का, कहावत तो आपने सुनी ही होगी लेकिन यहां कोतवाल सैंया नहीं बल्कि आरोपी का बाप है. जिसकी वजह से एक गंभीर मामले में बेटे के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद भी आरोपी की गिरफ्तारी (arrest of accused) नहीं हो पा रही है.
दरअसल पूरा मामला छत्तीसगढ़ के मुंहेली के लोरमी थाना क्षेत्र का है. यहां के सेमरिया गांव की रहने वाली ललिता दुबे ने बीते 25 जनवरी 2021 को अपने दो प्रेमियों की प्रताड़ना (torture of two lovers) से त्रस्त होकर खुद को आग के हवाले कर दिया. महिला का पांच महीने तक इलाज चलने के बाद उसकी मौत हो गई.
घटना के सात महीने बाद पुलिस अधिकारी के बेटे आरोपी सांता बिंझवार और शिक्षक राजेश जायसवाल के विरुद्ध लोरमी थाना में एफआईआर दर्ज किया गया था. पुलिस अधिकारी के बेटे और उसके शिक्षक दोस्त के खिलाफ लोरमी थाना में धारा 306 के तहत अपराध दर्ज होने के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी अब तक नहीं हो पाई है. जिससे कई सवाल उठ रहे हैं.
ये है पूरा मामला
लोरमी के सेमरिया निवासी ललिता की शादी बिलासपुर जिले के कोटा निवासी नारायण दुबे के साथ हुई थी, मृतिका का पति नारायण दुबे बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय का पीएसओ है. मृतिका का मायके लोरमी में होने के कारण उसका अक्सर यहां आना जाना लगा रहता था.
इसी दौरान उसका प्रेम संबंध लोरमी निवासी राजेश जायसवाल से हो गया. जिसके बाद वो अपने पति को छोड़कर यहीं पर किराये का मकान लेकर रहने लगी. इसी बीच राजेश के प्यार में फंसी ललिता का दिल राजेश के दोस्त सांता बिंझवार पर भी आ गया. सांता पुलिस अफसर का बेटा है. पीड़िता ने एक ही वक्त पर दोनों दोस्तों के साथ अफेयर शुरू कर दिया. एक दिन जब दोनों दोस्तों को इसकी जानकारी लगी तो फिर विवाद शुरू हो गया.