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IIT Roorkee ने छात्राओं को दी बड़ी राहत, बिना गेट के मिलेगा एडमिशन

उत्तराखंड स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की (IIT Roorkee) ने पीएचडी करने वाली छात्राओं के लिए एक नई पहल शुरू (initiative for PhD girl students in IIT Roorkee) की है. शकुंतला नामक इस पहल के चलते छात्राओं को सिर्फ इंटरव्यू पास करने के बाद एडमिशन मिल सकेगा. छात्राओं की कमी को पूरा करने के लिए ये पहल महत्वपूर्ण है. प्रतिभावान छात्राओं के लिए नए सत्र से शकुंतला फेलोशिप के जरिये मात्र इंटरव्यू पास करना होगा और आसानी से एडमिशन प्राप्त कर सकेंगी.

आईआईटी रुड़की
आईआईटी रुड़की

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Published : Mar 2, 2022, 11:00 PM IST

रुड़की:आईआईटी रुड़की (Indian Institute Of Technology Roorkee) ने पीएचडी करने वाली छात्राओं के लिए एक नई पहल शुरू (initiative for PhD girl students in IIT Roorkee) की है. जिससे पीएचडी करने वाली छात्राओं में खुशी की लहर है. शकुंतला फेलोशिप नामक इस पहल के चलते छात्राओं को सिर्फ इंटरव्यू पास करने के बाद एडमिशन मिल सकेगा. छात्राओं की कमी को पूरा करने के लिए ये पहल महत्वपूर्ण है. प्रतिभावान छात्राओं के लिए नए सत्र से शकुंतला फेलोशिप के जरिये मात्र इंटरव्यू पास करना होगा और आसानी से एडमिशन प्राप्त कर सकेंगी.

जानकारी के मुताबिक, आईआईटी रुड़की ने इंजीनियरिंग और शोध कार्यों में प्रतिभावान छात्राओं को आगे बढ़ाने के लिए एक अनूठी पहल शुरू की है. जिसमें संस्थान नए सत्र से छात्राओं के लिए शकुंतला फेलोशिप शुरू करने जा रहा है. इस फेलोशिप के माध्यम से छात्राएं इंजीनियरिंग में स्नातक योग्यता परीक्षा (Graduate Aptitude Test in Engineering-GATE) पास किये बगैर भी आईआईटी रुड़की में पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन ले सकेंगी.

IIT Roorkee ने छात्राओं को दी बड़ी राहत

संस्थान की सीनेट ने इस निर्णय पर अपनी मुहर लगा दी है. वहीं, गेट परीक्षा पास करके आने वाले विद्यार्थियों की भांति ही शकुंतला फेलोशिप के माध्यम से दाखिला (Admission through Shakuntala Fellowship) लेने वाली छात्राओं को भी सभी सुविधाएं प्राप्त होंगी. दरअसल, आईआईटी रुड़की में पीएचडी प्रोग्राम में दाखिला लेने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या में काफी अंतर है.

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बता दें कि, मौजूदा समय में संस्थान में इंजीनियरिंग कोर्स में जहां पीएचडी करने वाले छात्रों की संख्या 1,237 है, तो वहीं छात्राओं की संख्या मात्र 436 है. जबकि गैर इंजीनियरिंग कोर्सेज में पीएचडी करने वाले छात्रों की संख्या 615 और छात्राओं की संख्या 401 है. ऐसे में पीएचडी के छात्र-छात्राओं के बीच के इस अंतर को कम करने के लिए आईआईटी रुड़की पीएचडी में दाखिला लेने की इच्छुक प्रतिभावान छात्राओं के लिए नए सत्र से शकुंतला फेलोशिप शुरू करने जा रहा है.

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