दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

गुलाम नबी ने नई पार्टी का किया गठन, डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी रखा नाम, झंडा भी किया लॉन्च - डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी

गुलाम नबी आजाद ने अपनी नई पार्टी के नाम का खुलासा कर दिया है, जिसका नाम डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी रखा है. इसके लिए आजाद ने लोगों ने नामों की सलाह मांगी थी, जिसके चलते उन्हें करीब 1,500 नए नामों के सुझाव मिले थे.

गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी
गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी

By

Published : Sep 26, 2022, 1:01 PM IST

Updated : Sep 27, 2022, 9:39 AM IST

जम्मू : कांग्रेस से लगभग पांच दशक पुराना नाता तोड़ने वाले वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने सोमवार को अपने नए दल 'डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी' का गठन किया और कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल करने को चुनावी मुद्दा नहीं बनाएंगे. उन्होंने कहा कि सड़क, जलापूर्ति और महंगाई चुनावी मुद्दे हैं. आजाद (73) ने पार्टी के झंडे का भी अनावरण किया, जिसमें गहरे पीले, सफेद और गहरे नीले रंग की तीन पट्टियां हैं. उन्होंने कहा कि नए दल की प्राथमिकता निर्वाचन आयोग के पास पंजीकरण की होगी. हालांकि, पार्टी अपनी गतिविधियां जारी रखेगी क्योंकि जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की घोषणा किसी भी समय हो सकती है.

गुलाम नबी आजाद ने नई पार्टी का किया गठन

आजाद ने कहा कि उनकी पार्टी अगले विधानसभा चुनाव में 50 फीसदी टिकट युवाओं और महिलाओं को देगी. उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा. आजाद ने कहा, मैं किसी को चुनावी मुद्दा बनाने से नहीं रोक सकता. मेरे पास बहुत सारी चीजें हैं, मैं इसे चुनावी मुद्दा क्यों बनाऊं?

कश्मीर-केंद्रित दलों, विशेष रूप से पीडीपी द्वारा अनुच्छेद 370 पर उनकी टिप्पणी की आलोचना किए जाने के बारे में पूछने पर आजाद ने कहा, आप बस संसद के रिकॉर्ड पर गौर कर लीजिए कि (अनुच्छेद 370 पर) किसने बात की है या किसने नहीं. किसी के नाम पर संसद का रिकॉर्ड हासिल करें. लेकिन मेरा मानना ​​है कि मैं चुनाव के लिए ऐसे मुद्दों का इस्तेमाल नहीं कर सकता.

आजाद ने जम्मू में संवाददाता सम्मेलन में कहा, मैं आज यहां से डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (डीएपी) की शुरुआत कर रहा हूं. यह लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रतीक है. हमारी विचारधारा महात्मा गांधी के आदर्शों पर आधारित होगी. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी के नाम के मध्य में आने वाला शब्द 'आजाद', उनके नाम का प्रतीक नहीं है जबकि इसका मतलब यह है कि नई पार्टी पूरी तरह से 'स्वतंत्र' होगी.

आजाद ने कहा कि डीएपी का किसी अन्य राजनीतिक पार्टी से कोई मुकाबला नहीं होगा और यह जम्मू-कश्मीर में शांति व सामान्य स्थिति को मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगी. आजाद ने कहा कि उन्होंने यह कभी नहीं कहा कि अनुच्छेद 370 की बहाली संभव नहीं है. उन्होंने कहा, मैंने कभी नहीं कहा कि ऐसा नहीं हो सकता. मैंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नहीं मना सकता. अगर कोई मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को मना सकता है, तो उन्हें ऐसा करना चाहिए. यह एक स्वागत योग्य कदम होगा. मेरा मोदी जी पर इस तरह का कोई प्रभाव नहीं है.

उन्होंने कहा कि केवल संसद ही अनुच्छेद 370 को बहाल कर सकती है, लेकिन हमें बहुमत की जरूरत होगी. आजाद ने कहा, जब मोदी और अमित शाह ने संसद में मतदान कराया तो उन्हें 86 फीसदी वोट मिले. उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करके जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था. उच्चतम न्यायालय ने दशहरे की छुट्टी के बाद फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सूचीबद्ध करने पर सहमति जतायी है.

आजाद ने कहा कि यह एक स्वागत योग्य कदम है कि उच्चतम न्यायालय 10 अक्टूबर से मामले की सुनवाई करेगा. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आजाद ने 26 अगस्त को कांग्रेस से पांच दशक से अधिक समय पुराना अपना नाता तोड़ लिया था. पूर्व उप मुख्यमंत्री तारा चंद समेत कांग्रेस के दो दर्जन से अधिक प्रमुख नेताओं ने आजाद के समर्थन में पार्टी से इस्तीफा दे दिया था.

पढ़ें:Rajasthan Political Crisis: 76 विधायकों ने दिए इस्तीफे, इन विधायकों पर हो सकती है कार्रवाई

Last Updated : Sep 27, 2022, 9:39 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details