नई दिल्ली : उभरती और विकसित अर्थव्यवस्थाओं के समूह की अध्यक्षता संभालने के बाद ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा ने रविवार को कहा कि भू-राजनीतिक मुद्दों को जी20 में चर्चा पर हावी नहीं होने देना चाहिए. यहां जी20 शिखर सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए लूला डी सिल्वा ने कहा कि समूह को 'विभाजित जी20' में कोई दिलचस्पी नहीं है और आज की चुनौतियों का सामना संयुक्त कार्रवाई के जरिए ही किया जा सकता है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उन्हें जी20 की अध्यक्षता सौंपे जाने के तुरंत बाद उन्होंने कहा, "हमें संघर्ष के बजाय शांति और सहयोग की जरूरत है."
अगला जी20 शिखर सम्मेलन नवंबर 2024 में रियो डी जनेरियो में होगा. लूला दा सिल्वा ने उनका देश जी20 की मशाल को आगे ले जाने पर ध्यान देगा. जी20 दिल्ली नेताओं के शिखर सम्मेलन के समापन समारोह में बोलते हुए, भारत से अपने देश की ओर से समूह की अध्यक्षता संभालने वाले डी सिल्वा ने कहा, "जी20 की ब्राजीलियाई अध्यक्षता की तीन प्राथमिकताएं हैं - पहली, भूख के ख़िलाफ सामाजिक समावेशन और लड़ाई. दूसरा, ऊर्जा परिवर्तन और इसके तीन पहलुओं में सतत विकास और तीसरा, वैश्विक शासन संस्थानों में सुधार."
लूला डी सिल्वा ने कहा, "जो रास्ता हमें नई दिल्ली से रियो डी जनेरियो तक ले जाएगा, उसके लिए सभी से बहुत समर्पण और प्रतिबद्धता की आवश्यकता होगी." उन्होंने कहा कि ब्राजील की अध्यक्षता में दक्षिण अमेरिकी देश के पांच क्षेत्रों में से प्रत्येक के शहरों में जी20 बैठकें आयोजित की जाएंगी. जी20 यूक्रेन में युद्ध पर विभाजित था और संघर्ष के संदर्भों को हल्का करने के बाद ही नई दिल्ली घोषणा पर आम सहमति बनाई जा सकी. जी20 घोषणापत्र में रूस की आलोचना करना कम कर दिया गया और केवल क्षेत्रीय लाभ के लिए बल के इस्तेमाल की निंदा की गई.