जैसलमेर.राजस्थान के जैसलमेर के रेगिस्तान में किसी जमाने में समुद्र हुआ करता था इस बात पर तो भू वैज्ञानिकों ने मुहर लगा ही दी थी. लेकिन इस सच को तलाशने के दौरान यहां एक अनोखा सच सामने आया है. वह यह है कि प्राकृतिक बदलावों और समुद्र के सूखने के बाद इस धरती पर डॉयनासोर की उत्पति भी हुई थी. अलग अलग आकारों के डॉयनासोर यहां पर लंबे समय तक रहे. जिसमें धरती पर चलने वाले और उड़ने वाले दोनो ही प्रजातियां शामिल हैं. इसकी पुष्टि जैसलमेर में भूजल विभाग के वैज्ञानिक डॉ नारायणदास इनखिया ने की है. डॉ इनखिया जीएसआई के दल के साथ रिसर्च के दौरान मौजूद थे.
यह कोई काल्पनिक बात नहीं हैं. बल्कि ये बात अब साबित हो गई है. जैसलमेर में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण जीएसआई के वैज्ञानिकों के एक दल ने अपनी खोज में इस बात का पता लगाया है कि जैसलमेर के रेगिस्तान में आज से करीब 16 करोड़ साल पहले यहां डायनासोर बहुतायात में रहते थे. डॉ नारायणदास इनखिया ने बताया कि "जैसलमेर में जुरासिक काल का अध्ययन करने आए भूवैज्ञानिकों ने जैसलमेर में दुनिया के सबसे पुराने शाकाहारी डायनासोर थारोसोरस के जीवाश्म के हिस्सों को खोज निकाला है. ये जीवाश्म चीन में मिले जीवाश्म से भी पुराने हैं." बता दें कि जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) ने जीवाश्म की खोज के लिए साल 2018 में एक कार्यक्रम शुरू किया था.