गुवाहाटी :असम में पद्म पुरस्कार से सम्मानित एक शख्स को गुवाहाटी हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत दे दी है. पद्म पुरस्कार विजेता पर एक नाबालिग लड़की का यौन शोषण करने का आरोप है. वेकेशन बेंच के जज अरुण देव चौधरी की पीठ ने गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाते हुए पुलिस से 7 जनवरी तक केस डायरी तलब की है. आरोपी पद्म पुरस्कार विजेता ने कोर्ट में याचिका दायर बताया था कि उनकी उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए एफआईआर दर्ज कराई गई है. इस मामले में पीड़िता का कोई बयान दर्ज नहीं किया गया है.
आरोपी अवॉर्डी पर लखीमपुर की बाल कल्याण समिति (CWC) ने दो नाबालिग लड़कियों के साथ यौन शोषण का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी. हालांकि आरोपी के वकील एएम बोरा का कहना है कि उनके मुवक्किल और बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष के बीच विवाद के कारण झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. पद्म अवॉर्डी का पक्ष रखते हुए उन्होंने बताया कि बाल कल्याण समिति ने अपनी दो लड़कियों को फॉस्टर होम (foster home) देने का अनुरोध किया था. इसके बाद अवॉर्डी सीड्ब्ल्यूसी की दो लड़कियों को पालन-पोषण के लिए अपने साथ रखने पर सहमत हो गए. सितंबर 2020 से लड़कियां पद्म अवॉर्डी के साथ रहने लगीं.
एएम बोरा के अनुसार, इस बीच लखीमपुर की बाल कल्याण समिति (CWC) के अध्यक्ष का आरोपी पद्म अवॉर्डी से विवाद हो गया. तब सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष ने उन्हें दोनों लड़कियों को 28 अक्टूबर तक सीडब्ल्यूसी को सौंपने का आदेश दिया. 28 अक्टूबर के बाद से दोनों लड़कियां लखीमपुर की बाल कल्याण समिति (CWC) की कस्टडी में ही हैं. सीडब्ल्यूसी ने 17 दिसंबर को उस समझौते को भी खत्म कर दिया, जिसके तहत उन्हें लड़कियों का पालक बनाया गया था. तब सीडब्ल्यूसी ने दलील दी थी कि लड़कियां अपने पालक माता-पिता के पास नहीं जाना चाहती हैं.