UPSC टॉपर गरिमा लोहिया से EXCLUSIVE बातचीत बक्सर : यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के नतीजे घोषित हो गए हैं. विषम परिस्थियों को बावजूद बिहार की गरिमा लोहिया ने दूसरी रैंक हासिल किया है. गरिमा बक्सर की रहने वाली हैं. इन्होंने बक्सर से ही प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण कर दिल्ली से ग्रेजुएशन किया. 2015 में पिता का निधन हो गया था. सोशल मीडिया से मोटिवेशन मिलने के बाद इन्होंने सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी शुरू किया. जब तक गरिमा पढ़ाई करतीं थीं, मां जगी रहती थीं. गरिमा को भरोसा था कि यूपीएससी क्रेक कर लेंगी लेकिन वो AIR-2nd टॉपर होंगी इसका अंदाजा उन्हें नहीं था.
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टॉप 4 में महिलाओं का डंका: इस कामयाबी के बाद गरिमा लोहिया और उनके परिवार को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. पिपरपाती रोड बंगला घाट पर लोग बधाई देने के लिए पहुंच रहे हैं. बता दें कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के सिविल सर्विसेज परीक्षा के फाइनल रिजल्ट में इस साल भी महिलाओं ने अपना दबदबा कायम रखा, टॉप 4 में महिलाए ही हैं. जिसमें इशिता किशोर ने AIR 1 पर शामिल हैं. उसके बाद बिहार की गरिमा लोहिया, उमा हरथी एन और स्मृति मिश्रा भी टॉपरों की लिस्ट में शुमार हैं. पिछले साल, श्रुति शर्मा ने UPSC CSE 2021 परीक्षा में अखिल भारतीय रैंक 1 हासिल किया था.
''मैं कोरोना काल में दिल्ली से बक्सर आई. शुरूआत में बुक्स देखना शुरू किया. फिर पढ़ते पढ़ते मन लगने लगा. मां का सपना था का मैं आईएएस बनूं. मैने रात में पढ़ना शुरू किया, सोशल साइट्स और इंटरनेट की मदद से पढ़ाई की. मुझे उम्मीद नहीं थी कि मैं टॉपर बनूंगी लेकिन रिजल्ट अब सबके सामने है.''- गरिमा लोहिया, यूपीएससी सेकेंड टॉपर
गरिमा बनी सेकेंड टॉपर: परीक्षा के फाइनल में कुल 933 परीक्षार्थी सफल घोषित हुए हैं. इनमें 345 कैडिडेट्स अनारक्षित श्रेणी से चयनित हुए हैं. जबकि EWS कोटे से 90, OBC कोटे से 263, SC से 154 अभ्यर्थी और ST से 72 परीक्षार्थियों ने सफलता पाई है. इसके अलावा 178 कैंडिडेट्स की रिजर्व लिस्ट भी बनाई गई है. यूपीएससी के रिजल्ट में 180 अभ्यर्थियों को IAS के लिए सलेक्ट किया गया है. गरिमा ने दूसरा स्थान पाया है इसलिए उनके मन मुताबिक पोस्ट मिलनी तय है.
सोशल साइट्स और इंटरनेट से की पढ़ाई: जब गरिमा से पूछा गया कि उन्होंने देश की सबसे बड़ी परीक्षा में इतनी बड़ी कामयाबी कैसे पाई तो उन्होंने बताया कि बिना किसी कोचिंग संस्थान में दाखिला लिए सोशल साइट्स के सहारे तैयारी की. कोरोना काल से ही घर में रहकर तैयारी शुरू की. इंटरनेट के जरिए ऑनलाइन पढ़ाई की और यूपीएससी को क्रेक कर लिया. गरिमा ने बताया कि उनकी मां का सपना था कि मैं आईएएस बनूं. मैने मां के सपने को सच कर दिखाया. मैं जब पढ़ती थी तो मेरी मां भी मेरे साथ जगी रहती थी.
पिता की मौत के बाद गरिमा का संघर्ष: पिता के देहान्त के बाद परिवार की हालत डवांडोल हो गई थी. बेटी पर ही घर की जिम्मेदारियों का बोझ आ गया था. बावजूद इसके गरिमा ने हार नहीं मानी. लक्ष्य निर्धारित था उसी के अनुसार पढ़ाई की और सफलता हासिल की. गरिमा चाहती हैं कि बिहार में उन्हें पोस्टिंग मिले. इस दौरान वह छोटे शहर में रहकर वहां के लोगों की सेवा करना चाहती हैं.