कांवड़ मेला संपन्न होने के बाद हरिद्वार में लगा कूड़े का अंबार. हरिद्वार(उत्तराखंड): गुरु पूर्णिमा यानी 4 जुलाई से शुरू हुआ कांवड़ मेला श्रावण मास की शिवरात्रि यानी 15 जुलाई को संपन्न हो गया. इस दौरान करीब 4 करोड़ 7 लाख शिवभक्त (कांवड़िये) देशभर से हरिद्वार गंगाजल लेने के लिए पहुंचे. इस बीच कांवड़िये हरिद्वार से गंगाजल लेकर को तो गए लेकिन हरिद्वार में करीब 28 हजार मीट्रिक टन कूड़ा घाटों से लेकर हाईवे तक छोड़कर चले गए. कांवड़ियों द्वारा छोड़े गए कूड़े में बड़ी मात्रा में पॉलिथीन भी है, जिसका उपयोग देशभर में वर्जित है.
इन दिनों हरिद्वार के घाटों, सड़कों और पार्किंग एरिया में कूड़ा ही कूड़ा नजर आ रहा है. नगर निगम इस कूड़े को उठाने का कार्य कर रहा है. लेकिन कांवड़ मेले के संपन्न होने के 3 दिन बाद भी सड़कों और घाटों पर कूड़ा नजर आ रहा है. हरिद्वार नगर निगम आयुक्त दयानंद सरस्वती का कहना है कि नगर निगम ने कांवड़ मेले को लेकर पूर्व में ही तैयारी की थी. निगम द्वारा जगह-जगह पर अपने नगर निगम के कर्मचारियों को भी तैनात भी किया गया था. लेकिन डाक कांवड़ के आने से कई परेशानियां सामने आई. क्योंकि डाक कांवड़ के कारण नगर निगम के वाहन मार्गों पर चलने मुश्किल हो गए.
चालान के रूप में वसूले 5 लाख: मुख्य नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती ने बताया कि करीबन 28 हजार मीट्रिक टन कूड़ा कांवड़ मेले में एकत्र हुआ है. बारिश होने के कारण लोगों ने रेनकोट भी यूज किए थे, जो कि सभी प्लास्टिक के रूप में थे. दयानंद सरस्वती ने बताया कि कूड़े में से ज्यादातर प्लास्टिक है, जिसके लिए हमारे साथ पहले से ही एक संस्था वर्क कर रही है. जो कि प्लास्टिक को रिसाइकिल करने का काम करती है. प्लास्टिक के उपयोग पर बोलते हुए दयानंद सरस्वती ने कहा कि भीड़ का दबाव इतना अधिक था कि नगर निगम की टीमें हर क्षेत्र तक नहीं पहुंच पा रही थी, लेकिन उसके बावजूद भी सिंगल यूज प्लास्टिक का यूज कर रहे लोगों से 4 से 5 लाख रुपए चालान के रूप में वसूले गए हैं.
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खराब मौसम बना चुनौती:जानकारी देते हुए दयानंद सरस्वती ने कहा कि खराब मौसम लगातार नगर निगम के लिए चुनौती बना हुआ है. लगातार हो रही बारिश के कारण जहां बाजारों में बारिश के कारण मिट्टी आ रही है तो वहीं अन्य व्यवस्थाओं में भी नगर निगम को काफी दिक्कत हो रही है.
नगर निगम द्वारा बनाया गया प्लान:जानकारी देते हुए हरिद्वार के मुख्य नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती ने बताया कि कांवड़ मेले में हुए कूड़े के निस्तारण के लिए हमारे द्वारा पूरे मेला क्षेत्र को 6 भागों में बांटा गया है, जिसके लिए 6 ऑफिसर हर एक एरिया में नियुक्ति किया गया है. इसी के साथ 1200 कर्मचारियों के साथ मिलकर लगातार शहर में सफाई व्यवस्था बनाए रखने का कार्य चल रहा है.
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