मुंबई : सौरव गांगुली ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है कि उनकी पूर्व प्रबंधन कंपनियों, परसेप्ट टैलेंट मैनेजमेंट लिमिटेड और परसेप्ट डी मार्क (भारत) द्वारा उन्हें देय मुआवजे का भुगतान किया जाए. मध्यस्थता न्यायाधिकरण (Arbitration Tribunal) ने साल 2018 में गांगुली के पक्ष में फैसला सुनाया था.
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान रह चुके गांगुली ने मांग की है कि दोनों कंपनियों को अपनी संपत्ति का खुलासा करने का निर्देश दिया जाए. सोमवार को न्यायमूर्ति एके मेनन की अध्यक्षता वाली एकल पीठ में इस मामले की सुनवाई हुई. इसमें परसेप्ट टैलेंट मैनेजमेंट और परसेप्ट डी मार्क ने कहा कि वे 20 जुलाई तक मुआवजे का भुगतान करेंगे.
सेवानिवृत्त क्रिकेटर के अनुसार, दोनों कंपनियों द्वारा भुगतान की जाने वाली कुल राशि 36 करोड़ रुपये से अधिक है, जिसमें लगभग 14.50 करोड़ रुपये का मूल मुआवजा और भुगतान न करने पर उस पर जमा ब्याज शामिल है.
अंतरिम राहत के रूप में, गांगुली ने यह भी मांग की है कि कंपनियों को उनकी संपत्तियों पर कोई भी लेनदेन करने से रोका जाए. गांगुली ने अपनी याचिका में इस बात पर चिंता जताई कि कंपनियों के निदेशकों ने उनके खातों से अन्य फर्मों को धन की हेराफेरी की है.