उत्तरकाशी (उत्तराखंड): विश्व प्रसिद्ध चारधाम में शुमार गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं. अन्नकूट के पावन पर्व पर गंगोत्री धाम के पुरोहितों द्वारा विधि विधान के साथ शीतकाल (Winter) के लिए 11 बजकर 45 मिनट पर कपाट बंद कर दिए गए. इस पल के कई श्रद्धालु साक्षी बने, जिन्होंने मां गंगा से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगा. जिसके बाद मां गंगा की भोगमूर्ति डोली से मुखबा गांव के लिए रवाना हुई, जहां शीतकाल के दौरान मां की रोजाना पूजा की जाएगी.
विधि-विधान से बंद हुए गंगोत्री धाम के कपाट:विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट बंद करने के मौके पर वेद मंत्रों के साथ मां गंगा की मूर्ति का महाभिषेक किया गया. इसके बाद विधिवत हवन पूजा-अर्चना के साथ दोपहर 11 बजकर 45 मिनट पर कपाट बंद किए गए, जिसके बाद गंगा की डोली लेकर तीर्थ पुरोहित मुखबा के लिए रवाना हुए. वहीं इस पल के कई लोग साक्षी बने.
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अब श्रद्धालुओं को मुखबा गांव में दर्शन देंगी मां गंगा:गौर हो कि 15 नवंबर को मां गंगा की उत्सव डोली 6 महीने बाद अपने मायके मुखबा (मुखीमठ) पहुंचेगी. जहां पर ग्रामीण मां गंगा का स्वागत एक बेटी की तरह करेंगे. वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर को बंद होंगे. गंगोत्री धाम के कपाट बंद होते समय धाम में मौजूद सैकड़ों तीर्थयात्रियों ने सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों के सकुशल रेस्क्यू की प्रार्थना की. तीर्थयात्रियों ने मां गंगा से प्रार्थना की कि रेस्क्यू अभियान सफल रहे. धार्मिक परम्परानुसार अन्नकूट पर्व पर अभिजीत मुहूर्त में अपराह्न 11 बजकर 45 मिनट पर गंगोत्री के कपाट बंद किये गए. इस अवसर पर श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष रावल हरीश सेमवाल और सचिव सुरेश सेमवाल सहित सभी पांच तोकों के तीर्थ पुरोहित उपस्थित रहे.