वाराणसीःदुनिया के सबसे लंबे सफर पर रवाना होने के लिए गंगा विलास लग्जरी क्रूज (Ganga Vilas Cruise) मंगलवार को वाराणसी पहुंच गया. यह क्रूज भारत एवं बांग्लादेश से गुजरने वाली 27 नदियों के रास्ते अपनी मंजिल पर पहुंचेगा. इस लंबे सफर में एमवी गंगा विलास क्रूज पटना, साहिबगंज, कोलकाता, ढाका और गुवाहाटी जैसे 50 पर्यटक स्थलों से होकर गुजरेगा. इस क्रूज के संचालन से देश में पहली बार रिवर टूरिज्म के एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है. यह नया युग न सिर्फ भारत के नए रिवर टूरिज्म ( India new river tourism) की विकास की नई गाथा को लिखेगा. बल्कि देश दुनिया के सैलानियों को भारत का एक नया मॉडल भी प्रस्तुत करेगा. मौसम खराब होने की वजह से यह 3 दिन देरी से काशी पहुंचा.
सीएम योगी ने किया था टाइम टेबल का विमोचनःउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने 11 नवंबर को गंगा विलास क्रूज के टाइम टेबल का विमोचन किया था. सोमवार को क्रूज चंदौली के धानापुर से दोपहर में निकलकर वाराणसी की सीमा में प्रवेश कर गया था. इसके बाद मंगलवार को क्रूज रामनगर बंदरगाह (Ramnagar Port) पहुंच गया. यहां पर पर्यटकों के भव्य स्वागत की तैयारियां हो रही है.
कुल 3200 किलोमीटर की होगी यात्राःउत्तर प्रदेश में पर्यटकों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. क्रूज गंगा विलास भारत में निर्मित पहला रिवरशिप है. जो काशी से बोगीबील (डिब्रूगढ़) तक सबसे लंबी जलयान (क्रूज) यात्रा कराएगी. ये यात्रा 50 दिन में कुल 3200 किलोमीटर की होगी. यह यात्रा विश्व विरासत से जुड़े 50 से अधिक जगहों पर रुकेगी. यह जलायन राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभयारण्यों से भी गुजरेगा. इस यात्रा के दौरान सुंदरबन डेल्टा और काजीरंगा नेशनल पार्क भी शामिल हैं.
27 रिवर सिस्टम से गुजरेगा क्रूजःपर्यटन उप निदेशक प्रीति श्रीवास्तव (Deputy Director of Tourism Preeti Srivastava) ने बताया कि गंगा विलास क्रूज यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और असम के कुल 27 रिवर सिस्टम से गुजरेगा. जिसमें मुख्य तीन नदियां गंगा, मेघना और ब्रह्मपुत्र इसके रास्ते में पड़ेंगी. क्रूज बंगाल में गंगा की सहायक और दूसरे नामों से प्रचलित भागीरथी, हुगली, बिद्यावती, मालटा, सुंदरवन रिवर सिस्टम, बांग्लादेश में मेघना, पद्मा, जमुना और फिर भारत में ब्रह्मपुत्र से आसाम में प्रवेश करेगा.