देहरादून: देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'प्रोजेक्ट डॉल्फिन' का पहला और सबसे अहम चरण पूरा हो चुका है. इसके तहत भारत में पहली बार वैज्ञानिक तरीके से गंगा डॉल्फिन पर सर्वे किया गया है. भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए इस अध्ययन की रिपोर्ट भी भारत सरकार को भेजी जा चुकी है.
5 अक्टूबर को मनाया जाएगा राष्ट्रीय डॉल्फिन दिवस: अब उम्मीद की जा रही है कि अगले हफ्ते 5 अक्टूबर को राष्ट्रीय डॉल्फिन दिवस ((National Dolphin Day) के अवसर पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गंगा में डॉल्फिन को लेकर हुई गणना से जुड़ी ये रिपोर्ट जारी कर सकते हैं. क्या है प्रोजेक्ट डॉल्फिन और प्रधानमंत्री मोदी से जोड़कर इसे क्यों देखा जा रहा है आइए आपको बताते हैं.
पीएम मोदी ने शुरू किया था प्रोजेक्ट डॉल्फिन: प्रधानमंत्री के तौर पर देश की बागडोर संभालते ही साल 2014 में नरेंद्र मोदी ने नमामि गंगे परियोजना की नींव रख दी थी. हालांकि गंगा को लेकर पीएम मोदी की आस्था से हर कोई वाकिफ है. लेकिन उनकी चिंता केवल गंगा नदी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें मौजूद जलीय जीवों का संरक्षण भी उनकी कोशिशों में शामिल है. शायद इसीलिए पीएम मोदी ने विलुप्त होती गंगा डॉल्फिन पर फोकस करते हुए साल 2019 में 'प्रोजेक्ट डॉल्फिन' को शुरू करने की घोषणा कर दी. इतना ही नहीं ग्रुप 20 की वन एवं पर्यावरण से जुड़ी एक महत्वपूर्ण बैठक में भी 'प्रोजेक्ट डॉल्फिन' का जिक्र करने से प्रधानमंत्री नहीं चूके. इस महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मंच के अलावा भी प्रधानमंत्री ने विभिन्न मौकों पर डॉल्फिन के संरक्षण को लेकर अपनी प्रतिबद्धता को जाहिर किया है. भारत में गंगा में डॉल्फिन को लेकर मौजूदा स्थिति और अब तक हुए प्रयासों को बिंदुवार जानिए.
गंगा डॉल्फिन के बारे में जानें...
भारत में गंगा और ब्रह्मपुत्र के अलावा उनकी सहायक नदियों में गंगा डॉल्फिन पाई जाती है
अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) ने गंगा डॉल्फिन को विलुप्तप्राय प्रजाति घोषित किया है
दुनिया भर में डॉल्फिन की करीब 36 प्रजातियां हैं
गंगा डॉल्फिन भारत, बांग्लादेश और नेपाल में मौजूद हैं
भारत में गंगा डॉल्फिन की 80% संख्या मौजूद है
गंगा डॉल्फिन का वैज्ञानिक नाम प्लैटानिस्टा गेंगेटिका है
भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत डॉल्फिन को संरक्षित जल जीव घोषित किया गया है
भारत के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने 18 मई 2010 को इसके संरक्षण के मकसद से इसे राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया
साल 2022 में मोदी सरकार के दौरान 5 अक्टूबर को राष्ट्रीय डॉल्फिन दिवस मनाने की घोषणा हुई
बिहार के पटना में एशिया का पहला डॉल्फिन शोध केंद्र खोलने का पहली बार निर्णय हुआ
मेरठ में भी पहला डॉल्फिन ब्रीडिंग सेंटर बनाने की है तैयारी
गंगा डॉल्फिन की गिनती का काम पूरा: गंगा डॉल्फिन की तमाम जानकारियां यह बताने के लिए काफी हैं कि भारत सरकार गंगा डॉल्फिन के संरक्षण के लिए कितनी गंभीर है और इसके लिए किस तरह के प्रयास हो रहे हैं. लेकिन सबसे ताजा और महत्वपूर्ण जानकारी यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'प्रोजेक्ट डॉल्फिन' के तहत देश में पहली बार गंगा डॉल्फिन की गिनती का काम पूरा कर लिया गया है. खास बात यह है कि देश को पहली बार अब यह जानकारी हो पाएगी कि भारत में हकीकत में गंगा डॉल्फिन की कितनी संख्या है और और ये कहां-कहां मौजूद हैं. दरअसल अब से पहले केवल अंदाजतन ही गंगा डॉल्फिन की संख्या बताई जाती थी और इसको लेकर कभी कोई गणना नहीं हुई थी. फिलहाल भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिकों ने गंगा डॉल्फिन की गिनती या यों कहें कि सर्वे का काम पूरा कर लिया है. इससे जुड़ी रिपोर्ट भारत सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को भी भेज दी गई है.