अलवर : राजस्थान में दुष्कर्म के मामलों की बाढ़ आई हुई है. महिला अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है. खास तौर से अलवर जिले में दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म की वारदातों ने तो देश को सकते में ला दिया है.
12 साल की दलित लड़की से गैंगरेप
29 जून को अलवर जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र में 12 साल की एक दलित लड़की (dalit girl) को उसके घर के बाहर से तीन युवक उठाकर खेतों में ले गए. लड़की पशुओं को चारा डालने घर से निकली थी. लड़की के माता-पिता मजदूरी करने बाहर गए हुए थे. परिजनों को वारदात की भनक नहीं लगी. आरोपियों ने बच्ची के साथ रेप किया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी.
दहशत के कारण दो दिन दबा रहा मामला
पीड़िता के पिता का कहना है कि आरोपी पक्ष ने उन्हें पैसों और जमीन का लालच दिया. दबाव बनाया कि थाने में रिपोर्ट दर्ज न कराई जाए और राजीनामा कर लिया जाए. जब उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया तो उन्हें जान से मारने की धमकियां दी गईं. इसी दबाव के माहौल में पीड़ित परिवार दो दिन तक थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं करा सका.
थाने में मामला हुआ दर्ज
आखिरकार तीन जुलाई को रामगढ़ थाने में मामला दर्ज हुआ तो खलबली मच गई. आरोपी समुदाय विशेष के थे. मामला संवेदनशील था. लिहाजा पुलिस ने फूंक-फूंक कर कदम रखा और बच्ची का मेडिकल कराया गया.
मासूम से दरिंदगी
रामगढ़ पुलिस उपाधीक्षक ओमप्रकाश मीना ने बताया कि रिपोर्ट के मुताबिक बच्ची के माता-पिता अक्सर बाहर रहते हैं. पिता ड्राइवरी करते हैं और मां मजदूरी. घटना वाले दिन बच्ची के मां-बाप गांव से बाहर थे. घर में बच्ची के अलावा नाना और छोटा भाई था. 29 जून सुबह तड़के बच्ची घर के पीछे पशुओं के बाड़े में चारा डालने गई थी. इसी दौरान तीनों आरोपियों ने उसे दबोच लिया और खेत में ले जाकर दुष्कर्म किया.
मुंह बंद रखने की धमकी
वारदात के बाद बच्ची और उसके भाई को जान से मारने की धमकी देकर आरोपियों ने मुंह बंद रखने को कहा. वे बच्ची को उसी हालत में खेत में छोड़कर भाग गए. घटना से बदहवास बच्ची ने दूसरे दिन अपने माता-पिता को वारदात की जानकारी दी.