नई दिल्ली: गामालेया नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी (Gamaleya Center) और रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (RDIF) ने संयुक्त रूप से स्पूतनिक वी वैक्सीन का नया वर्जन विकसित किया है जो विशेष रूप से कोरोनावायरस के डेल्टा और ओमीक्रोन वेरिएंट से लड़ने में कारगर है. गामालेया रिसर्च सेंटर महामारी के दौरान सार्स-कोव-2 के नए उभरते स्वरूपों का अध्ययन कर रहा है और उसी के अनुसार स्पूतनिक वी को बनाया गया है.
आरडीआईएफ ने इस बारे में ईटीवी भारत को बताया कि इस समय दुनिया भर में फैले कोरोना के नए संस्करण डेल्टा और ओमीक्रोन पर भी काफी कारगर है. इतना ही नहीं यह ओमीक्रोन बीए5 वेरिएंट में एल-452-आर में भी उपयोगी है. आरडीएसआईएफ ने कहा, डेल्टा और ओमीक्रॉन वेरिएंट के लिए अनुकूलित स्पूतनिक वी वैक्सीन ओमीक्रोन बीए5 वेरिएंट से संक्रमित फेफड़ों में संक्रमण में उल्लेखनीय कमी प्रदान करता है. इसके अलावा स्पूतनिक वी का मौजूदा संस्करण अस्पताल में भर्ती होने और ओमीक्रोन से होने वाली मौत को रोकने में भी अच्छा रिजल्ट देता है.