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Galwan valley Chinese flag : आक्रामक विपक्ष ने कहा- मुंह में दही क्यों जमी ? भारत-चीन सीमा पर जानकारी दें पीएम

लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी प्रोपगैंडा (Galwan valley Chinese flag) के बाद भारत की सेना ने बर्फीले पहाड़ों पर तिरंगा फहराया. हालांकि, चीनी गतिविधियों को लेकर विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर दिख रहा है. कांग्रेस ने पीएम पर तीखा सवाल किया है. कांग्रेस ने कहा है कि पीएम का मौन चिंताजनक है. दूसरी ओर वाम दल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत-चीन सीमा पर घटनाक्रमों के बारे में देश को बताना चाहिए. वाम दल महासचिव डी राजा ने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में वर्तमान घटनाक्रमों को समझाना प्रधानमंत्री का कर्तव्य है.

Supriya Shrinate d raja pm modi
सुप्रिया श्रीनेत डी राजा पीएम मोदी

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Published : Jan 4, 2022, 9:41 PM IST

नई दिल्ली :कांग्रेस ने कहा है कि गलवान में चीनी झंडा फहराए जाने पर केंद्र सरकार की 'चुप्पी' सेना का मनोबल तोड़ने वाली है. चीन द्वारा कथित रूप से गलवान घाटी में अपना झंडा फहराए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर डाले जाने के मामले में कांग्रेस ने कहा है कि 'चुप्पी साधकर' नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार देश की सेना का मनोबल तोड़ रही है. कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, 'जिस गलवान घाटी में हमारे जवान शहीद हुए थे, उसी घाटी में चीन ने एक जनवरी को अपना झंडा फहराया और अपना राष्ट्रगान गाया. ऐसे में आपके मुंह में दही क्यों जमा है? हमारी सेना का मनोबल आप क्यों तोड़ रहे हैं? आप चीन को कोई जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं?'

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, 'आज हमारी सरहद पर जो हो रहा है उस पर आपका (प्रधानमंत्री) मौन निंदनीय ही नहीं बल्कि चिंता का विषय भी है. सरहद पर चीन बैठा है और चीन के बल पर पाकिस्तान भी नाचता है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जितने भी नेता हैं वे गलवान में शहीद हुए जवानों के परिवारों से हाथ जोड़कर माफी मांगें.'

दरअसल, सोशल मीडिया पर चीन की सरकार द्वारा समर्थित हैंडल और अन्य माध्यमों से कथित रूप से गलवान घाटी में चीन के झंडे के फहराए जाने का वीडियो दिखाया गया है. यह वीडियो एक जनवरी को साझा किया गया था. इसमें चीनी सैनिकों को चीन का झंडा फहराते हुए और अपना राष्ट्रगान गाते हुए दिखाया गया है.

भारत-चीन सीमा के घटनाक्रम पर देश को बताएं पीएम

गलवान घाटी के ताजा घटनाक्रम पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के महासचिव डी. राजा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत-चीन सीमा पर घटनाक्रमों के बारे में देश को बताना चाहिए, वहीं दोनों पड़ोसी देशों को समस्याओं का समाधान खोजने के लिए बातचीत प्रक्रिया जारी रखनी चाहिए.

लद्दाख में पैंगोंग झील पर चीन द्वारा एक नया पुल बनाने की खबरों को लेकर पूछे गए एक सवाल पर राजा ने यहां कहा कि दोनों देश तनाव कम करने और मौजूदा सीमा मुद्दे को हल करने के लिए रक्षा और मंत्री स्तर पर बातचीत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पड़ोसी होने के नाते दोनों देशों को बातचीत के जरिये समस्याओं का समाधान निकालने का प्रयास करना चाहिए.

भाकपा नेता ने कहा कि मोदी ने इससे पहले गलवान घाटी में टकराव पर सभी राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों के साथ उस बैठक में कहा था कि भारत की एक इंच जमीन भी कोई नहीं ले सकता जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे.

मोदी सरकार फासीवादी

राजा ने कहा कि मोदी अभी इस मुद्दे पर बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन सीमावर्ती इलाकों में वर्तमान घटनाक्रमों को समझाना उनका कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि 26 जनवरी से कोयंबटूर में होने वाली भाकपा की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में देश में व्याप्त मुद्दों, राजनीतिक स्थिति और लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि बैठक में सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होने और देश के संविधान, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने के खिलाफ काम करने वाली फासीवादी मोदी सरकार को हटाने की जरूरत पर भी चर्चा होगी.

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युवाओं को हिंसा में शामिल होने के लिए प्रशिक्षण ?

बकौल डी राजा, भाजपा आरएसएस की राजनीतिक शाखा के रूप में काम कर रही है और उसके एजेंडे को लागू कर रही है. राजा ने कहा कि सभी धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और फासीवाद विरोधी ताकतों को एकसाथ आने और मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने की जरूरत है, जो एक एक विशेष धर्म, भाषा और जाति के आधार पर एक राष्ट्र स्थापित करने की कोशिश कर रही है. राजा ने आरोप लगाया कि ऐसी भी खबरें आयी हैं कि आरएसएस कोयंबटूर में शैक्षणिक संस्थानों के परिसर में अपनी 'शाखाएं' चला रहा है जिसमें युवाओं को हिंसा में शामिल होने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है.

(पीटीआई-भाषा)

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