नई दिल्ली:बीजू जनता दल (बीजेडी) के राज्यसभा सांसद अमर पटनायक (MP Amar Patnaik) ने कहा कि भारत ने निम्न और मध्यम आय वाले देशों को डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (डीपीआई) को अपनाने में मदद करने के लिए जी20 की नई दिल्ली घोषणा में वन फ्यूचर अलायंस (ओएफए) का प्रस्ताव रखा है. डीपीआई के उपयोग के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए ग्लोबल साउथ के संस्थानों के लिए सक्रिय होना महत्वपूर्ण है.
पटनायक ने सीयूटीएस इंटरनेशनल थिंक टैंक द्वारा वर्चुअल मोड में आयोजित 'एसडीजी हासिल करने के लिए वैश्विक स्तर पर भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की पुनर्कल्पना' विषय पर एक पैनल चर्चा को संबोधित करते हुए कहा ये बात कही. उन्होंने कहा कि 'डीपीआई को अपनाने से भारत को काफी फायदा हुआ है और उसने खुद को एसडीजी की उपलब्धि की दिशा में तेजी लाने के लिए तैयार किया है.'
उन्होंने कहा कि 'आधार, यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन जैसे भारत के डीपीआई ने एसडीजी की दिशा में विकास को तेज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.' पटनायक ने कहा कि लोगों को अपने दैनिक जीवन में एप्लिकेशन का उपयोग करने के लिए डीपीआई के बारे में जानकारी रखने की आवश्यकता नहीं है.
उन्होंने कहा कि ' डीपीआई के माध्यम से जो लोग लाभ प्राप्त कर रहे हैं जैसे किसान उन्हें डिजिटल बुनियादी ढांचे के बारे में कोई जानकारी नहीं है. भारत में लोग इसके पीछे की तकनीक के बारे में जाने बिना ही डीपीआई को अपना रहे हैं.'
उन्होंने इस महीने की शुरुआत में जी20 शिखर सम्मेलन में नई दिल्ली घोषणा की भी सराहना की जिसमें भारत ने ग्लोबल डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर रिपोजिटरी (जीडीपीआईआर) बनाने और बनाए रखने की योजना बनाई है. नई दिल्ली घोषणा के अनुसार, जीडीपीआईआर, डीपीआई का एक आभासी भंडार, 'स्वेच्छा से जी20 सदस्यों और उससे आगे द्वारा साझा किया जाना चाहिए.'
डीपीआई को ग्लोबल साउथ और अन्य देशों में ले जाने के मुद्दे पर, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह महत्वपूर्ण है कि अन्य देश डीपीआई को अपनाने से पहले आवश्यक नीतिगत प्रोत्साहन को समझें.
पटनायक ने कहा कि 'इस विचार को बाकी दुनिया तक ले जाने के लिए इसे अंतर-संचालित करना होगा.' उन्होंने कहा कि 'यह एक सार्वजनिक भलाई है जो प्रत्येक वैश्विक नागरिक के लिए उपलब्ध होनी चाहिए. एसडीजी को प्राप्त करने में डीपीआई की वैश्विक स्वीकृति को बढ़ावा देने में बड़ा बदलाव लाने के लिए दक्षिण-दक्षिण संस्थानों को प्रेरित किया जा सकता है. दक्षिण-दक्षिण परिदृश्य में संस्थागत जड़ता में सुधार करना होगा.'