गलवान शहीद जवान के पिता के एडवोकेट वैशाली: भले ही हाजीपुर व्यवहार न्यायालय से गलवान शहीद जय किशोर के पिता को जमानत मिल गई हो, लेकिन ये मामला तूल पकड़ चुका है. इस मामले को एक शहीद के परिवार का अपमान के रूप में देखा जा रहा है. इस मुद्दे पर बीजेपी ने भी सदन में जोरदार हंगामा कर आपत्ति जताई. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी फोन करके नीतीश को इस मामले में जानकारी मांगी. खुद सीएम नीतीश कुमार ने सदन में इस बात का जिक्र भी किया. सेना के पदाधिकारियों ने भी शहीद के घर और संबंधित जंदाहा थाने पहुंचकर जानकारी ले चुकी है.
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शहीद जवान के पिता को जमानत: इस मामले में ताजा अपडेट ये है कि शहीद जवान के पिता राज कपूर सिंह को एडीजे-3 नवीन कुमार की कोर्ट से दस-दस हजार के मुचलके पर जमानत दी जा चुकी है. जंदाहा के चक फतेह गांव में शहीद के स्मारक लगाने को लेकर हुए विवाद मामले में शहीद के पिता राज कपूर सिंह की गिरफ्तारी शनिवार देर रात जंदाहा पुलिस के द्वारा की गई थी. इसी मामले में अदालत ने सुनवाई करते हुए 10-10 हजार के दो मुचलके पर शहीद के पिता राज कपूर सिंह जमानत दे दी है.
पुलिस पर शहीद के परिवार से बदसलूकी का आरोप: गिरफ्तार राज कपूर सिंह की ओर से केस की पैरवी कर रहे हैं एडवोकेट जयप्रकाश मोहन ने बताया कि एडीजे 3 नवीन कुमार ठाकुर की अदालत ने निजी मुचलके पर जमानत दे दी है. जिसके बाद जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है. उन्होंने बताया कि कागजी कार्रवाई के बाद राज कपूर से जेल से बाहर आ सकेंगे. बता दें कि शहीद जय किशोर के पिता की गिरफ्तारी को लेकर बिहार विधानसभा में भी सवाल जवाब हुआ था. एक उच्च स्तरीय जांच टीम का गठन किया गया है, जो मामले की जांच कर रही है.
''आज बहस के दौरान कोर्ट ने माना कि अगर कोई आवेदन सीओ को दिया गया है और थाना पर प्रेषित किया गया है तो थाना के द्वारा उसकी जांच करानी चाहिए थी. अगर वहां कोई मामला था तो विधि सम्मत कार्रवाई होनी चाहिए थी. ना कि बिना जांच के प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए थी. बिना जांच के एफआईआर दर्ज किया गया था. उसी को मानते हुए न्यायालय ने जमानत स्वीकृत किया है.''-जयप्रकाश मोहन, शहीद जवान के पिता के एडवोकेट
क्या था मामला: शहीद जवान जय किशोर की मां ने बताया कि पुलिस ने बिना बताए उनके पति को गिरफ्तार कर लिया था. गिरफ्तारी के वक्त पुलिस का रवैया ठीक नहीं था. मेरे शहीद बेटे के पिता को लात से मारा गया, गाली दी गई. विवाद मेरे शहीद बेटे की मूर्ति लगाने वाली जमीन को लेकर था. लेकिन ये जमीन सरकारी है. इसपर कब किसने केस दर्ज किया हमारे परिवार को कोई जानकारी नहीं दी गई. उनकी गिरफ्तारी का मुद्दा सामने आने के बाद घर पर 'बिहार रेजीमेंट' के कुछ अधिकारी भी जायजा लेने पहुंचे थे. तब जंदाहा थाने की पुलिस ने कहा था कि उनकी जमानत कोर्ट से ही हो सकती है.