नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दायर मानहानि मामले में सोमवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राउज एवेन्यू कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश हुए. इस दौरान एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल के समक्ष दस्तावेजों की जांच को लेकर सुनवाई हुई. अदालत ने गहलोत का पक्ष सुनने के बाद शेखावत के अधिवक्ता को इस मामले से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा.
शेखावत की ओर से अधिवक्ता आदित्य विक्रम सिंह पेश हुए. इसके बाद कोर्ट ने मामले को 28 अगस्त को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया. गहलोत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर पेश हुए. 19 अगस्त को सेशन कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने गहलोत को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने के लिए दी गई राहत बरकरार रखी थी. इसी के आधार पर आज गहलोत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश हुए.
गहलोत की ओर से निचली अदालत के व्यक्तिगत पेशी के आदेश से छूट देने के मामले की सुनवाई कर रहे सेशन जज एमके नागपाल के छुट्टी पर रहने के चलते दूसरे सेशन जज विकास ढुल ने मामले की सुनवाई करते हुए सेशन कोर्ट के पूर्व के आदेश को बरकरार रखा था. साथ ही सेशन कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को तय की थी.
जानिए, क्या है मामलाःउल्लेखनीय है कि इससे पहले भी सात अगस्त को गहलोत वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए थे. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उन्हें और उनके परिवार को संजीवनी घोटाले में आरोपी बताए जाने पर गहलोत पर मानहानि का दावा किया था. इसके बाद अदालत ने छह जुलाई को गहलोत के खिलाफ समन जारी कर सात अगस्त को व्यक्तिगत पेशी का आदेश दिया था.
गहलोत ने एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के इस आदेश को सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी. सेशन कोर्ट के जज एमके नागपाल ने छह अगस्त को सुनवाई करते हुए गहलोत को व्यक्तिगत पेशी की जगह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश होने की अनुमति देते हुए राहत प्रदान की थी.