वॉशिंगटन/नई दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति मीडिया कर्मियों से क्या बात करते हैं, इसकी ट्रांस्क्रिप्शन सामने आना, दुर्लभ माना जा सकता है. दरअसल, व्हाइट हाउस ने सोमवार को राष्ट्रपति जो बाइडेन की बातचीत का एक प्रतिलेख जारी किया. इसमें देखा गया कि बाइडेन ने एक रिपोर्टर के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया. अमेरिकी न्यूज चैल फॉक्स न्यूज के एक रिपोर्टर के सवाल से खीझे बाइडेन ने 'सन ऑफ ए **च’ कहा, जिसे व्हाइट हाउस ने रिकॉर्ड किया.
रिपोर्टर के लिए बाइडेन की अभद्र भाषा के प्रयोग की घटना के सामने आने के बाद अक्सर पूछा जाने वाला सवाल एक बार फिर से पूछा जा रहा है कि क्या 79 वर्षीय बाइडेन अपना आपा खो रहे हैं? दरअसल, माना जाता है कि 20 जनवरी, 2021 को अमेरिकी राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने के बाद बाइडेन की राह कांटों भरी रही है.
जून, 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी अपेक्षा के अनुरूप सहज नहीं रही. इसके बाद अमेरिकी प्रशासन यूक्रेन-रूस-नाटो तनाव सामने आया है. इस प्रकरण में अमेरिका यूक्रेन के साथ खड़ा दिख रहा है, लेकिन यूक्रेन में भेजी गई अमेरिकी सैन्य मदद मजबूरी (Ukraine crisis compelling USA military involvement) मानी जा रही है.
सोमवार को व्हाइट हाउस में फॉक्स न्यूज के रिपोर्टर पीटर डूसी (Fox News reporter Peter Doocy) ने राष्ट्रपति से पूछा था कि क्या उनके विचार में मुद्रास्फीति एक राजनीतिक दायित्व (inflation is a political liability) है ? व्यंग्यात्मक लहजे में बाइडेन ने डूसी को जवाब देते समय शायद इस बात से अनजान थे कि उनका माइक्रोफ़ोन बंद नहीं है. बाइडेन ने डूसी से कहा, नहीं, अधिक मुद्रास्फीति दर एक बड़ी संपत्ति है. (No, it’s a great asset. More inflation) इसके बाद बाइडेन अपना आपा खो बैठे और डूसी को बेवकूफ का बेटा (What a stupid son of a b***h) बता डाला.
घंटे भर के भीतर बाइडेन ने फोन पर माफी मांगी !
बाइडेन की इस टिप्पणी को व्हाइट हाउस के प्रतिलेख में सार्वजनिक किया गया है. डूसी टीवी पर यह कहते हुए दिखाई दिए कि राष्ट्रपति बाइडेन ने बाद में खेद प्रकट किया. डूसी ने कहा कि बाइडेन ने अपनी असभ्य टिप्पणी (biden doocy word exchange) के एक घंटे के भीतर मोबाइल फोन पर उन्हें फोन किया. डूसी ने बताया कि बाइडेन ने उनसे यह भी कहा कि उनकी टिप्पणी में ‘व्यक्तिगत कुछ भी नहीं’ (biden doocy apology nothing personal) था.
बता दें कि बाइडेन अपने कुछ अटपटे बयानों के लिए पहले भी सुर्खियों में रह चुके हैं. रविवार को, अमेरिकी सरकार ने यूक्रेन की राजधानी कीव स्थित अमेरिकी दूतावास के कर्मचारियों को निकलने का आदेश दिया था. बाइडेन प्रशासन के आदेश के बाद रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की आशंका गहराने रही है. खबरों के मुताबिक रूस-यूक्रेन सीमा पर लगभग 1,00,000 सैनिक, नाटो सैनिकों की तैनाती और बड़ी मात्रा में सैन्य हार्डवेयर की मौजूदगी के कारण चौतरफा युद्ध छिड़ने की प्रबल संभावना थी. बाइडेन कई मौकों पर बड़बोले नजर आते हैं, लेकिन उनके स्वभाव के विपरीत उनके रूसी समकक्ष राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) अधिक शांत स्वभाव के लिए जाने जाते हैं.
बर्लिन की दीवार गिरने के कुछ सप्ताह बाद, पूर्वी जर्मनी के ड्रेसडेन में 5 दिसंबर, 1989 को दंगों जैसे हालात से निपटने का तरीका रूसी राष्ट्रपति के रवैये का संकेत देता है. एक शातिर भीड़ ने जर्मनी के ड्रेसडेन में सोवियत गुप्त सेवा (Soviet secret service) का मुख्यालय घेर लिया था. इस हालात में भी सोवियत सुरक्षा एजेंसी- केजीबी ने जर्मनी के रक्षा मंत्रालय- स्टासी के स्थानीय मुख्यालय पर धावा बोल दिया था. स्टासी को पूर्वी जर्मनी की सीक्रेट पुलिस (East German secret police) भी कहा जाता है.
पूर्वी जर्मनी की इस घटना में स्पष्ट हुआ था कि पुलिस पर धावा बोलने के बावजूद, एक व्यक्ति केजीबी कार्यालय के अंदर से निकला और भीड़ से कहा- संपत्ति में जबरदस्ती अपना रास्ता बनाने की कोशिश न करें. मेरे साथियों के पास हथियार हैं. ये आपात स्थिति में हथियारों का उपयोग करने के लिए अधिकृत हैं. (Don't try to force your way into this property. My comrades are armed, and they're authorised to use their weapons in an emergency.)
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मध्यम आकार के एक व्यक्ति ने शांत तरीके से उन्मादी भीड़ को एक तरीके की धमकी दी. उनकी बातों से आतंकित भीड़ पीछे हट गई. 1989 की इस घटना में भीड़ को भयभीत करने वाले केजीबी अधिकारी और कोई नहीं खुद व्लादिमीर पुतिन ( KGB officer was Vladimir Putin) थे.