टोक्यो (जापान): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जापान के टोक्यो शहर पहुंचे हैं. यहां उन्होंने निक्केई एशिया के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ सामान्य और पड़ोसी संबंध चाहता है, लेकिन आतंकवाद से मुक्त अनुकूल माहौल बनाना और आवश्यक कदम उठाना इस्लामाबाद की जिम्मेदारी है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ सामान्य द्विपक्षीय संबंध चाहता है.
उन्होंने कहा कि आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए यह उनका कर्तव्य है. इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है. भारत ने बार-बार सीमा पार आतंकवाद को पाकिस्तान के समर्थन पर अपनी चिंता व्यक्त की है और जोर देकर कहा है कि आतंक और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते. पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने इस महीने की शुरुआत में गोवा में एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लिया था.
बता दें कि इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ उनकी कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई थी. एशिया के सबसे बड़े स्वतंत्र व्यापार मीडिया समूहों में से एक निक्केई का हिस्सा निक्केई एशिया के लिए पीएम मोदी का साक्षात्कार जापान में जी-7 शिखर सम्मेलन से पहले आया है, जो वैश्विक चुनौतियों के बढ़ने के समय हो रहा है. साक्षात्कार के दौरान, प्रधान मंत्री ने चीन के साथ संबंधों से संबंधित प्रश्नों का भी उत्तर दिया और वैश्विक दक्षिण की आवाजों और चिंताओं को बढ़ाने के भारत के प्रयासों के बारे में बात की.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपनी संप्रभुता और गरिमा की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार और प्रतिबद्ध है. चीनी सेना की कार्रवाइयों के बाद 2020 की गर्मियों में पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध शुरू हो गया और बातचीत के दौरान कुछ क्षेत्रों से वापसी हुई, कुछ घर्षण बिंदु बने हुए हैं. यह देखते हुए कि संबंधों को सामान्य करने से व्यापक क्षेत्र और दुनिया को लाभ होगा, पीएम मोदी ने कहा कि चीन के साथ सामान्य द्विपक्षीय संबंधों के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति आवश्यक है. भारत-चीन संबंधों का भावी विकास केवल आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हितों पर आधारित हो सकता है.
जी 7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी शुक्रवार को जापान के हिरोशिमा शहर पहुंचे. शिखर सम्मेलन के लिए भारत को अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया गया है. भारत 2003 से G7 शिखर सम्मेलन में भाग ले रहा है. यह पूछे जाने पर कि क्या भारत रूस-यूक्रेन संघर्ष में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है, पीएम मोदी ने कहा कि यूक्रेन विवाद पर उनके देश की स्थिति स्पष्ट और अटूट है. पीएम मोदी ने कहा कि सहयोग हमारे समय को परिभाषित करना चाहिए, संघर्ष नहीं.