वाराणसी: भारत की G20 अध्यक्षता के तहत चौथी G20 सस्टेनेबल फाइनेंस वर्किंग ग्रुप (SFWG) की बैठक 13 से 14 सितंबर तक वाराणसी में होगी. बैठक में G20 सदस्य देशों, विशेष आमंत्रित देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के 80 से अधिक प्रतिनिधि एक साथ आएंगे. यह चौथी और आखिरी बैठक होगी जो 2023 जी 20 सस्टेनेबल फाइनेंस रिपोर्ट को अंतिम रूप देने का कार्य करेगी और जी 20 सस्टेनेबल फाइनेंस रोडमैप में सूचीबद्ध कार्यों के क्षेत्राधिकार, आईओ और संबंधित हितधारकों द्वारा की गई प्रगति पर भी चर्चा करेगी. फिलहाल दो दिनों तक चलने वाले इस मंथन में हिस्सा लेने के लिए अधिकांश देशों के प्रतिनिधि वाराणसी पहुंच चुके हैं. उनका कल देर रात तक वाराणसी एयरपोर्ट पर स्वागत किया जाता रहा.
एसएफडब्ल्यूजी यानी G20 सस्टेनेबल फाइनेंस वर्किंग ग्रुप का मुख्य उद्देश्य निजी और सार्वजनिक टिकाऊ वित्त को बढ़ाने में मदद करना है और ऐसा करते हुए, सतत विकास के लिए पेरिस समझौते और 2030 एजेंडा के कार्यान्वयन में तेजी लाना है. कार्य समूह की सह-अध्यक्षता अमेरिका और चीन द्वारा की जाती है और यूएनडीपी सचिवालय के रूप में कार्य करता है. भारत की G20 अध्यक्षता के तहत SFWG के लिए तीन प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की रूपरेखा तैयार की गई है.
- क्लाइमेट फाइनेंस के लिए समय पर और पर्याप्त संसाधन जुटाने के लिए तंत्र तैयार करना.
- सतत विकास लक्ष्यों के लिए वित्त सक्षम करना.
- सतत विकास की दिशा में वित्तपोषण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र की क्षमता निर्माण.
ये प्राथमिकता वाले क्षेत्र स्थिरता पर भारत के फोकस और भारत की जी 20 प्रेसीडेंसी की थीम "वसुधैव कुटुंबकम" या एक पृथ्वी, एक परिवार., एक भविष्य' को दर्शाते हैं. हाल ही में आयोजित लीडर्स समिट के दौरान जी 20 नई दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन 2023 को अपनाया गया था. इस दौरान भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत एसएफडब्ल्यूजी द्वारा किए गए कार्यों का स्वागत किया है.
नेताओं ने जलवायु वित्त के लिए संसाधन जुटाने, मिश्रित वित्त को बढ़ाने और एमडीबी की बढ़ी हुई भूमिका के तंत्र पर सिफारिशों का स्वागत किया. नेताओं ने हरित और निम्न-कार्बन प्रौद्योगिकियों के तेजी से विकास और तैनाती के लिए अधिक निजी प्रवाह को प्रोत्साहित करने के लिए नीतियों और प्रोत्साहनों पर सिफारिशों पर भी ध्यान दिया है.