G20 Summit : जी20 शिखर सम्मेलन वैश्विक चुनौतियों पर संयुक्त प्रतिक्रिया का अवसर प्रदान करेगा: फ्रांस
मैक्रॉन की यात्रा के बारे में उनके कार्यलय की ओर से कहा गया है कि यह हमारे द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने का भी अवसर होगा. मैक्रॉन भारत में शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद बंग्लादेश भी जायेंगे. पढ़ें पूरी खबर...
नई दिल्ली : फ्रांस ने मंगलवार को सम्मेलन में अपने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन की भागीदारी की घोषणा करते हुए कहा कि भारत में जी20 शिखर सम्मेलन प्रमुख वैश्विक चुनौतियों के लिए संयुक्त प्रतिक्रियाओं को लागू करने में प्रगति करने का एक अवसर होगा. मैक्रॉन के कार्यालय ने कहा कि राष्ट्रपति 9 और 10 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दिल्ली जाएंगे जिसके बाद वह द्विपक्षीय यात्रा के लिए बांग्लादेश रवाना होंगे.
एक बयान में, इसने कहा कि शिखर सम्मेलन मैक्रॉन को दुनिया के 'विखंडन के जोखिमों' से निपटने के लिए हर महाद्वीप के अपने समकक्षों के साथ चल रही बातचीत जारी रखने में सक्षम बनाएगा. बयान में कहा गया कि इमैनुएल मैक्रॉन 9 और 10 सितंबर को भारत की अध्यक्षता में जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दिल्ली की यात्रा करेंगे. दिल्ली से वह 10 सितंबर को द्विपक्षीय यात्रा के लिए बांग्लादेश जायेंगे.
फ्रांस की सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि जी20 शिखर सम्मेलन फ्रांस के राष्ट्राध्यक्ष को हर महाद्वीप के अपने समकक्षों के साथ चल रही बातचीत जारी रखने में सक्षम बनाएगा, ताकि दुनिया के विखंडन के जोखिमों का मुकाबला किया जा सके. यह प्रमुख वैश्विक चुनौतियों शांति और स्थिरता, गरीबी उन्मूलन, जलवायु और हमारे ग्रह की सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और डिजिटल विनियमन के लिए संयुक्त प्रतिक्रियाओं को लागू करने में प्रगति करने का एक अवसर होगा. ये ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें केवल बहुपक्षीय कार्रवाई के माध्यम से प्रभावी ढंग से निपटाया जा सकता है.
मैक्रॉन के कार्यालय ने कहा कि शिखर सम्मेलन पिछले जून में पेरिस में आयोजित एक नए वैश्विक वित्तीय समझौते के शिखर सम्मेलन का अनुसरण करने का अवसर भी प्रदान करेगा. बता दें कि G20 सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व जनसंख्या का लगभग दो-तिहाई प्रतिनिधित्व करते हैं. समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं.