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G20 Summit : कोणार्क चक्र और नटराज मूर्ति की भव्यता ने मोहा सबका मन

जी20 की बैठक में जिन दो प्रतिमाओं की सबसे ज्यादा चर्चा की जा रही है, वह है कोणार्क चक्र और नटराज मूर्ति. पीएम मोदी ने सभी अतिथियों का स्वागत कोर्णाक चक्र की पृष्ठभूमि में किया.

pm modi, in g20
पीएम मोदी, जी20 में

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 9, 2023, 2:17 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में जिस जगह पर जी20 में भाग लेने वाले नेताओं का स्वागत किया, उसके बैकग्राउंड में ओडिशा के कोणार्क चक्र की तस्वीर लगी है. यह चक्र बहुत ही भव्य दिख रहा है. सभी नेताओं ने इस पृष्ठभूमि में फोटो खिंचवाए. इसे राजा नरसिंहदेव प्रथम ने बनवाया था. 13 वीं सदी में इसका निर्माण करवाया गया था. इस चक्र में 24 तीलियों का उपयोग किया गया है. इसे ही हमारे तिरंगे में भी प्रदर्शित किया गया है. कोर्णाक चक्र परिवर्तन, प्रगति और समय की गति को दर्शाता है.

इसके बाद जो दूसरी प्रतिमा खबरों में है, वह है नटराज प्रतिमा. इसे भारत मंडपम के प्रवेश द्वार पर ही लगाया गया है. नटराज प्रतिमा की भव्यता देखते ही बनती है. नटराज यानी भगवान शिव. उन्हें नृत्य का भी देवता माना जाता है. इस प्रतिमा को तमिलनाडु के एस. देवसेनाथिपति स्टापति पुत्रों ने बनाई है. इसका वजन 19 टन है. इसको बनाने में अष्टधातु का प्रयोग किया गया है. तांबा, कांस्य, सीसा, सोना, चांदी, टिन, लोहा और पारा का उपयोग किया गया है. दावा किया जा रहा है कि यह अष्टधातु से बनी सबसे ऊंची नटराज की मूर्ति है. चोल साम्राज्य के समय से ही इस शैली की मूर्ति खूब बनाई जाती थी. जिस शैली से इस मूर्ति का निर्माण किया जाता है, उसे लॉस्ट वैक्स मेथड कहा जाता है. यानि मूर्ति का ढांचा बनाकर उसके अंदर पिघला हुआ धातु भरा जाता है. ढांचे को बनाने के लिए मोम का उपयोग किया जाता है.

यहां पर लगाई गई नटराज मूर्ति बृहदेश्वर मंदिर और उमा माहेश्वर मंदिर से प्रेरित है. इन दोनों मंदिरों का निर्माण चोल काल में हुआ था. कला और संस्कृति के हिसाब से इस काल को बहुत ही विकसित माना जाता है.

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