नई दिल्ली :दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने शनिवार को अफ्रीकी संघ को जी20 समूह के सदस्य के रूप में शामिल किए जाने पर खुशी व्यक्त की. रामफोसा ने एक्स पर कहा, "हमें खुशी है कि जी20 ने अफ्रीकन यूनियन को संगठन के सदस्य के रूप में स्वीकार किया." अफ्रीकी संघ को जी20 में शामिल करने की घोषणा सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सदस्यों की तालियों के बीच की. राष्ट्रपति ने कहा, "कोविड-19 महामारी के मद्देनजर वैश्विक पुनर्निर्माण निम्न-कार्बन, जलवायु में परिवर्तन को तेज करने का एक अनूठा अवसर प्रस्तुत करता है."
रामाफोसा ने अफ्रीकी देशों के सामने आने वाली चुनौतियों को रेखांकित करते हुए कहा, "इस संकट के लिए कम से कम जिम्मेदारी लेने के बावजूद, विकासशील अर्थव्यवस्थाएं जलवायु परिवर्तन का खामियाजा भुगत रही हैं. जैसे अफ्रीकी और अन्य विकासशील अर्थव्यवस्था वाले देशों में, हम महत्वपूर्ण विकासात्मक चुनौतियों के बीच अपनी जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के कार्य का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, पर्यावरणीय गिरावट, अस्थिर उपभोग और उत्पादन और संसाधनों की कमी ऐसी चुनौतियां हैं, जिनका समाधान सामूहिक रूप से और बड़ी एकजुटता के साथ ही किया जा सकता है.
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दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा, "दक्षिण अफ्रीका सतत विकास के लिए एक संवर्धित और विस्तारित वैश्विक साझेदारी का आह्वान करता है. इसे विकास के वित्तपोषण पर अदीस अबाबा एक्शन एजेंडा में उल्लिखित ठोस नीतियों और कार्यों द्वारा समर्थित किया जाना चाहिए." इस बीच, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि जी20 नेता चुनौतियों के समय मिल रहे हैं. एक्स पर उन्होंने कहा, "15 साल पहले, जी20 नेता वित्तीय संकट के बाद वैश्विक विकास को बहाल करने के लिए पहली बार एक साथ आए थे. हम बहुत चुनौतियों के समय में मिल रहे हैं. दुनिया नेतृत्व प्रदान करने के लिए एक बार फिर जी20 की ओर देख रही है. सुनक ने कहा, मेरा मानना है कि हम मिलकर इन चुनौतियों से निपट सकते हैं.
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के प्रवक्ता विंसेट मगवेन्या ने जी20 शिखर सम्मेलन से इतर यहां संवाददाताओं से कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष रूस-यूक्रेन संघर्ष के संबंध में बहुत अधिक सकारात्मक प्रगति हुई है. उन्होंने कहा, "हमने शांति प्रक्रिया को औपचारिक रूप दिया है जिसे जी20 के सभी सदस्यों का समर्थन मिला है... शांति प्रक्रिया में समय लगेगा. (यह) इस संघर्ष को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने की पहली वास्तविक प्रतिबद्धता है. इस प्रगति को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता."
उन्होंने कहा कि मोदी ने इस शिखर सम्मेलन को ग्लोबल साउथ, छोटे विकासशील देशों को शामिल किए जाने के इर्द-गिर्द संदर्भित किया है. उन्होंने कहा कि ये समावेश उन सुधारों की ओर बेहद सकारात्मक कदम हैं जिन सुधारों की हम हमेशा से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और विभिन्न वैश्विक बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों में वकालत करते रहे हैं.
(आईएएनएस)