नई दिल्ली: श्रीनगर में जी-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक 21 मई से होने वाली है. बैठक को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. पिछले हफ्ते से डल झील पर नौसेना के कमांडो द्वारा सुरक्षा अभ्यास किया जा रहा है, जबकि जम्मू-कश्मीर पुलिस की विशिष्ट आतंकवाद विरोधी इकाई, स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप के सदस्यों को शायद पहली बार नागरिक घटना को सुरक्षित करने के लिए तैनात किया गया है.
इस बीच, श्रीनगर आने वाले विदेशी प्रतिनिधियों के यात्रा कार्यक्रम में अंतिम समय में बदलाव किया गया है. मेहमान अब गुलमर्ग नहीं जाएंगे. दरअसल एक आतंकी साजिश का खुलासा होने के बाद ये फैसला किया गया है. आतंकवादियों के मुखबिर ने खुलासा किया है कि जिस होटल में जी20 के मेहमानों को गुलमर्ग में ठहरना था, उस पर हमले की योजना थी.
होटल का ड्राइवर हिरासत में लिया गया था :सूत्रों का कहना है किहोटल के एक ड्राइवर के पकड़े जाने के बाद खुलासा हुआ है कि आतंकी मुंबई हमले जैसी साजिश रच रहे थे. पॉश होटल में काम करने वाले हिरासत में लिए गए ओवर-ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) के खुलासे के बाद ये बदलाव किए गए. जी20 आयोजन स्थल के आसपास भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. इस बीच कश्मीर पुलिस ने घाटी में G20 बैठक के बारे में अफवाहें फैलाने के लिए कथित रूप से इस्तेमाल किए जा रहे संदिग्ध अंतरराष्ट्रीय मोबाइल नंबरों के खिलाफ एक सार्वजनिक सलाह जारी की.
ओजीडब्ल्यू वे लोग हैं जो आतंकवादियों को रसद सहायता, नकदी, आश्रय और अन्य बुनियादी ढांचे के साथ मदद करते हैं, जिसके साथ सशस्त्र समूह और जम्मू-कश्मीर में हिज्ब-उल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद जैसे उग्रवादी आंदोलन संचालित हो सकते हैं. सुरक्षा बलों ने अप्रैल के अंतिम सप्ताह में फारूक अहमद वानी को जी-20 से पहले कार्रवाई के तहत गिरफ्तार किया था.