वाराणसी: जी 20 कल्चरल वर्किंग ग्रुप की बैठक खत्म होने के बाद आज जी 20 कल्चरल मिनिस्टर्स की बैठक कि शुरुआत हो चुकी है. सुबह लगभग 9:30 बजे से शुरू हुई इस मीटिंग की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 9 मिनट के वर्चुअल संबोधन से हुई. इसमें पीएम मोदी ने अपने संबोधन में वाराणसी में आयोजित हुए इस समारोह पर खुशी व्यक्त की.
उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि हम वाराणसी में मिल रहे हैं, जो मेरा संसदीय क्षेत्र है. काशी न केवल दुनिया का सबसे पुराना जिंदा शहर है, बल्कि सारनाथ जहां भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था. वह यहां से दूर नहीं है यह वास्तव में भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी है. फिलहाल आज इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि पिछली तीन बैठकों के अलावा दो दिन की काशी में हुई कल्चरल ग्रुप की मीटिंग में रखे गए चार अलग-अलग मुद्दों पर आज आम सहमति के साथ जी-20 देश की तरफ से घोषणा पत्र जारी किया जाना है.
कार्यक्रम में पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि आपके समूह ने कल्चरल यूनिट्स ऑल अभियान शुरू किया है. यह वसुधैव कुटुंबकम एक पृथ्वी एक परिवार एक भविष्य की भावना को ही समाहित करता है. उन्होंने कहा कि मैं आपके द्वारा जी-20 एक्शन प्लान को सॉलिड परिणाम के साथ शेप देने में निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका की सरहाना करता हूं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हमें एक समावेशी और शांतिपूर्ण भविष्य के निर्माण के लिए सांस्कृतिक शक्ति का इस्तेमाल करने में सक्षम बनाएगा काशी को ज्ञान कर्तव्य और सत्य का खजाना माना जाता है. भारत का मंत्र है, विरासत भी, विकास भी. फिलहाल प्रधानमंत्री के 9 मिनट के संबोधन के बाद बैठक की औपचारिक शुरुआत हुई. बैठक में केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी मौजूद है.
फिलहाल जी 20 कल्चरल मिनिस्टर्स ग्रुप की इस बैठक में मामूली संशोधन के बाद 20 सूत्रीय दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए गए हैं. सांस्कृतिक क्षेत्र को सम्मिलित करते हुए वैश्विक भागेदारी का दावा करने के साथ ही कर अलग-अलग मुद्दों पर 20 देश के 170 सदस्यों के अलावा 9 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के आमंत्रित सदस्यों ने मसौदा घोषणा पत्र पर मंत्रियों के साथ चर्चा कर इसे आज विश्व पटल पर जारी करने पर सहमति भी बनाई है.
आज जिस मसौदे पर चर्चा के बाद उन्हें प्रस्ताव के रूप में जारी किया जाना है, उसमें सांस्कृतिक संपत्ति का संरक्षण और पुनर्स्थापना, एक सतत भविष्य के लिए मौजूदा विरासत का उपयोग, सांस्कृतिक एवं रचनात्मक उद्योगों को बढ़ावा देने तथा रचनात्मक अर्थव्यवस्था, संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों से लाभ उठाने जैसे गंभीर मुद्दों पर चर्चा के बाद इस पर आम सहमति से घोषणा पत्र जारी होगा.