नई दिल्ली :जी20 के मुख्य समन्वयक हर्ष वर्धन श्रृंगला (Harsh Vardhan Shringla) ने कहा कि भारत की अध्यक्षता से देश को आर्थिक लाभ होगा क्योंकि जी20 की बैठकों और गतिविधियों में पूरे देश से 'जनभागीदारी' के माध्यम से लोगों की व्यापक भागीदारी शामिल है.
श्रृंगला ने इंटरनेशनल मीडिया सेंटर में शिखर सम्मेलन से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बात कही. 'हमारे जी 20 अध्यक्ष पद के लिए 125 से अधिक राष्ट्रीयताओं से कुल 100,000 आगंतुक आए होंगे और उनमें से कई लोगों के लिए यह एक नए भारत की खोज रही है. जी 20 की अध्यक्षता हमारे देश और हमारे नागरिकों को आर्थिक लाभ पहुंचाएगी.'
ईटीवी भारत के सवाल पर ये बोले श्रृंगला :लैंगिक समानता, महिला सशक्तिकरण और आगे की चुनौतियों और संभावनाओं पर भारत की जी20 प्राथमिकता पर ईटीवी भारत के सवाल के जवाब में श्रृंगला ने कहा, 'महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास भारत की जी20 प्रेसीडेंसी की प्राथमिकता रही है और हम यह महसूस करें कि जब महिलाओं की बात आती है तो एक नया प्रतिमान स्थापित करना बहुत महत्वपूर्ण है, न केवल कार्यबल में बल्कि डिजिटल विभाजन को संबोधित करने के संदर्भ में भी.'
जलवायु परिवर्तन में शामिल महिलाओं के संदर्भ में, नेतृत्व की स्थिति में महिलाएं कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत उठाया गया है. हमने उस क्षेत्र में बहुत अच्छी प्रगति की है. इसके अलावा, महिला सशक्तीकरण समूह की स्थापना की गई है और कई अर्थों में, भारत की जी20 अध्यक्षता में महिला सशक्तिकरण और महिला नेतृत्व वाले विकास के मुद्दे बहुत ऊंचे रहे हैं.'
वहीं, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान श्रृंगला ने कहा कि 'निःसंदेह जी20 को एक प्रक्रिया के माध्यम से जमीनी स्तर तक ले जाने के प्रयास किए गए हैं जिसे हम 'जनभागीदारी' कहते हैं जो कि लोगों की भागीदारी का आंदोलन है. चाहे वह G20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट हो, G20 मॉडल स्कूल क्विज़ हो, या पेंटिंग प्रतियोगिता हो, G20 को लोकप्रिय बनाया गया है और हमारे देश में इसे जमीनी स्तर पर ले जाया गया है.'
प्रेस कॉन्फ्रेंस में जी20 शेरपा अमिताभ कांत, हर्ष वर्धन श्रृंगला और विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा मौजूद थे. उन्होंने कहा कि हमने 1 दिसंबर, 2023 को जी20 की अध्यक्षता संभाली और हम 30 नवंबर, 2024 को अपनी अध्यक्षता समाप्त करेंगे.
उन्होंने कहा कि 'अपनी अध्यक्षता के दौरान, हमने देश भर के 60 विभिन्न शहरों में 220 से अधिक जी20 बैठकों की मेजबानी की है. प्रधानमंत्री के अखिल भारतीय जी20 के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, हमने भारत के प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में कम से कम एक जी20 बैठक की मेजबानी की है. मेरी राय में, यह सहकारी संघवाद का सबसे अच्छा उदाहरण है जिसे हम तलाश सकते हैं.'