नई दिल्ली :कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान सोज (Salman Soz) ने शनिवार को कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के जी20 शिखर सम्मेलन (G 20 Summit) में शामिल न होने के फैसले के बावजूद भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक महत्वपूर्ण आवाज बना रहेगा.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान सोज (senior Congress leader Salman Soz) ने ईटीवी भारत से कहा कि 'चीनी और रूसी राष्ट्रपति द्वारा जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल न होने के फैसले के बावजूद भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक महत्वपूर्ण आवाज रहा है और रहेगा. जबकि भारत के साथ चीन के बढ़ते सीमा विवाद को देखते हुए शी का कदम समझ में आता है, लेकिन पुतिन को अपने आचरण के बारे में बताना चाहिए, क्योंकि भारत कठिन समय में उनके साथ खड़ा रहा.'
उन्होंने कहा कि 'बेशक शी एक मजबूत भारत नहीं देखना चाहेंगे और जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल न होकर एक संदेश देना चाहते थे, लेकिन रूस पुराना दोस्त रहा है. भारत ने यूएनएससी में यूक्रेन पर हमले के लिए पुतिन की निंदा करने से परहेज किया, मॉस्को के अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का सामना करने के बाद रूस से तेल खरीदकर उसे बाहर निकाला और उसका प्रमुख हथियार आयातक बना रहा. इसलिए, पुतिन का जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल न होना थोड़ा अजीब है, जबकि उन्होंने हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया था.'
कांग्रेस नेता के मुताबिक, एक तरह से शी और पुतिन दोनों का कदम उनके साझा प्रतिद्वंद्वी अमेरिका के लिए एक संदेश है और यूक्रेन युद्ध के बाद बीजिंग और मॉस्को के बीच बढ़ते तालमेल का भी संकेतक है.
सोज ने कहा कि 'चीन और रूस दोनों के पास अमेरिका का विरोध करने के अपने-अपने कारण हैं लेकिन उन्हें यह ध्यान में रखना चाहिए था कि जी 20 मूल रूप से एक आर्थिक मंच है और विकास संबंधी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है. चीन और रूस दोनों जिम्मेदार विश्व शक्तियां और G20 के सदस्य हैं. भारत जो कर रहा है उसकी उन्हें सराहना करनी चाहिए थी.'