हैदराबाद : सनातन धर्म में एकादशी व्रत का बहुत ही महत्व है एकादशी का व्रत प्रत्येक महीने में दो बार रखा जाता है आश्विन शुक्ल पक्ष की एकादशी इस बार 25 अक्टूबर 2023 को है. अक्टूबर माह में पड़ने वाली आश्विन शुक्ल पक्ष एकादशी को पापांकुशा एकादशी कहा जाता है. Papankusha ekadashi का बहुत ही महत्व है क्योंकि पापांकुशा एकादशी का व्रत करने से यमलोक की यातना नहीं सहनी पड़ती है. Papankusha ekadashi के दिन फलाहार करने से पापों से मुक्ति व बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है.
पापांकुशा एकादशी के दिन और बाकी सभी अन्य Ekadashi में बाहरी तौर पर व भोजन में तामसिक वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. Papankusha ekadashi के दिन खाने में लहसुन, प्याज मांस मदिरा आदि का भी सेवन नहीं करना चाहिए. Papankusha ekadashi के दिन सुगंधित वस्तुओं का इस्तेमाल करने से मन में भटकाव आता है व एकाग्रता भंग होती है. भोजन में तामसिक वस्तुओं जैसे कि गाजर, मसूर की दाल और शलजम आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. Ekadashi के दिन बाल व नाखून आदि नहीं काटना चाहिए.
ऐसे करें भगवान विष्णु की पूजा : Worship Bhagwan Sri hari Vishnu
Papankusha ekadashi के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर घर के मंदिर में एक दीप प्रज्वलित करें. संभव हो तो सुबह किसी मंदिर में जाकर Bhagwan Vishnu की पूजा-आराधना और दर्शन करें. यदि इस दिन व्रत रखते हैं तो व्रत का संकल्प लें. अपने घर में ही Bhagwan Vishnu की मूर्ति का जलाभिषेक करें. सबसे पहले घर के मंदिर को व एक लकड़ी की चौकी को गंगाजल आदि से पवित्र करें. जलाभिषेक करने के बाद यथासंभव Bhagwan Vishnu के मंत्रों जैसे कि ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करें . इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ बहुत ही शुभ फलदायक होता है. Papankusha ekadashi के दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी ( Goddess Laxmi ) का पूजन अवश्य करें.
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